राष्ट्रीय लोकदल (RLD) के प्रदेश महासचिव शाहजेब रिजवी ने वक्फ संशोधन बिल के विरोध में पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने इस फैसले के पीछे पार्टी अध्यक्ष जयंत चौधरी की बीजेपी के साथ सहमति को जिम्मेदार ठहराया, जिसे उन्होंने मुस्लिम समुदाय के खिलाफ बताया. रिजवी का यह कदम पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पार्टी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है, जहां मुस्लिम वोटरों का समर्थन रालोद की ताकत रहा है.
इस्तीफे की वजह
शाहजेब रिजवी ने अपने बयान में कहा, "वेस्ट यूपी की 10 सीटों पर पार्टी मुसलमानों के बड़े वोटबैंक की बदौलत विधायक लेकर आयी थी." उन्होंने जोर देकर कहा कि मुस्लिम समुदाय ने रालोद को एकतरफा वोट दिया था. हालांकि, वक्फ संशोधन बिल पर जयंत चौधरी की बीजेपी के साथ सहमति ने इस समर्थन को चोट पहुंचाई है. रिजवी ने आगे कहा, "मुसलमानों ने पार्टी को वन साइडिड वोट किया था मगर वक्फ के मुद्दे पर जयंत चौधरी की बीजेपी के साथ सहमति मुसलमानों के खिलाफ है. इससे मुसलमान आहत है और मैं भी."
वक्फ बिल पर बीजेपी का साथ देने पर खतरे की पहली घंटी राष्ट्रीय लोकदल के लिए बजी है#मेरठ में RLD के प्रदेश महासचिव शाहजेब रिजवी ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. उन्होने कहा है कि- "वेस्ट यूपी की 10 सीटों पर पार्टी मुसलमानों के बड़े वोटबैंक की बदौलत विधायक लेकर आयी थी"
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— Narendra Pratap (@hindipatrakar) April 4, 2025
मुस्लिम वोटबैंक पर प्रभाव
पश्चिमी यूपी में रालोद का आधार पारंपरिक रूप से जाट और मुस्लिम समुदायों के गठजोड़ पर टिका है. रिजवी का इस्तीफा इस गठबंधन में दरार का संकेत देता है. उनका मानना है कि वक्फ बिल को लेकर पार्टी का रुख मुस्लिम समुदाय की भावनाओं के खिलाफ है, जिससे नाराजगी बढ़ी है. यह घटना रालोद के लिए आगामी चुनावों में चुनौतियां खड़ी कर सकती है.
राजनीतिक गलियारों में चर्चा
शाहजेब रिजवी का इस्तीफा मेरठ सहित पूरे पश्चिमी यूपी में चर्चा का विषय बन गया है. राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यह कदम जयंत चौधरी के नेतृत्व और उनकी बीजेपी के साथ बढ़ती नजदीकी पर सवाल उठा सकता है. इस बीच, रालोद की ओर से अभी कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है.