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India Daily

राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू के भोज में छाए बॉलीवुड के बादशाह शाहरुख, इंडोनेशिया के प्रतिनिधिमंडल ने गाया कुछ कुछ होता है..देखें वीडियो

भारत आज अपना 76वां गणतंत्र दिवस मना रहा है. इस मौके पर इंडोनेशिया के राष्ट्रपति को मुख्य अतिथि के रूप में बुलाया गया था. उनके अलावा साथ में इंडोनेशिया का प्रतिनधिमंडल भी आया था. इस दौरान उन्हें बॉलीवुड का एक मशहूर गाना गाते हुए देखा गया.

Indonesian delegation
Courtesy: ANI

भारत आज अपना 76वां गणतंत्र दिवस मना रहा है. इस मौके पर इंडोनेशिया के राष्ट्रपति को मुख्य अतिथि के रूप में बुलाया गया था. उनके अलावा साथ में इंडोनेशिया का प्रतिनधिमंडल भी आया था. इस दौरान उन्हें बॉलीवुड का एक मशहूर गाना गाते हुए देखा गया. इस वीडियो ने इंटरनेट पर तहलका मचा दिया है और खूब वयरल हो रहा है.

बता दें कि भारत और इंडोनिशिया के द्विपक्षीय संबंध काफी मजबूत हैं और दोनों देश आपस में व्यापार करते हुए नजर आते हैं. इसी कड़ी में इंडोनेशिया के राष्ट्रपति को मुख्य अतिथि के रूप में बुलाया गया और उन्हें भारत की राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने भोज के लिए बुलाया था. इसी दौरान उनके सामने इंडोनेशिया का डेलीगेशन शाहरूख खान और काजोल की फिल्म का गाना 'कुछ-कुछ होता है' गाते हुए नजर आए.

इंडोनेशिया के डेलीगेशन ने गाया गाना

दरअसल, इंडोनेशिया के राष्ट्रपति राष्ट्रपति प्रबोवो सुबिआंतो भारत की अपनी पहली राजकीय यात्रा पर हैं और वे कर्तव्य पथ पर मुख्य अतिथि के रूप में 76वें गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल हुए. इससे पहले उन्हें राष्ट्रपति मुर्मू ने भोज के लिए राष्ट्रपति के भवन बुलाया था. इसके बाद राष्ट्रपति प्रबोवो सुबिआंतो और इंडोनेशिया के प्रतिनिधिमंडल भी शामिल हुए थे.

इसके बाद इंडोनेशिया के राष्ट्रपति के सामने 'कुछ, कुछ होता है' गाना गाया और इसका वीडियो सोशल मीडिया पर खूह वायरल हो रहा है. यह दोनों देशों के बीच लंबे समय से चले आ रहे संबंधों का भी प्रतीक है, क्योंकि 1950 में भारत के पहले गणतंत्र दिवस समारोह में तत्कालीन इंडोनेशियाई राष्ट्रपति सुकर्णो ने भी शिरकत की थी. सुबियांतो यहां गणतंत्र दिवस समारोह में भाग लेने वाले चौथे इंडोनेशियाई राष्ट्रपति हैं.

1998 में आई थी शाहरूख और काजोल की फिल्म

शाहरुख खान, काजोल और रानी मुखर्जी अभिनीत 'कुछ कुछ होता है' 1998 में बड़े पर्दे पर आई और भारत और विदेशों में ब्लॉकबस्टर साबित हुई. करण जौहर द्वारा निर्देशित यह फिल्म बॉलीवुड की एक क्लासिक फिल्म बन गई, जिसने सभी संस्कृतियों में अपनी छाप छोड़ी. जब इंडोनेशियाई अधिकारियों ने यह प्रिय धुन बजाई तो उन्होंने न केवल सही राग छेड़ा, बल्कि यह भी दर्शाया कि किस प्रकार सांस्कृतिक समानताएं कूटनीति में अहम भूमिका निभा सकती हैं.