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India Daily

मणिपुर के गांव में रेबीज के कई मामले, कंटेनमेंट जोन घोषित

जिला मजिस्ट्रेट धरुण कुमार ने गांव के अंदर और बाहर पालतू कुत्तों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगा दिया और अधिकारियों को न्यू ज़ोवेंग में सभी पालतू और आवारा कुत्तों की पहचान करने और उनका टीकाकरण करने का निर्देश दिया.

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Edited By: Gyanendra Sharma
Manipur rabies case
Courtesy: Social Media

मणिपुर के न्यू ज़ोवेंग गांव को रेबीज के कई मामलों का पता चलने के बाद शुक्रवार को कंटेनमेंट ज़ोन घोषित कर दिया गया. जिला अधिकारियों ने चूड़ाचांदपुर में स्थित इस गांव में पालतू जानवरों/कुत्तों की आवाजाही पर भी प्रतिबंध लगा दिया है. गांव में रेबीज के कई मामलों की पुष्टि होने के बाद, जिला अधिकारियों ने यह निर्णय लिया कि आसपास के क्षेत्रों में लोगों और पशुओं के स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा था.

जिला मजिस्ट्रेट धरुण कुमार ने गांव के अंदर और बाहर पालतू कुत्तों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगा दिया और अधिकारियों को न्यू ज़ोवेंग में सभी पालतू और आवारा कुत्तों की पहचान करने और उनका टीकाकरण करने का निर्देश दिया.

नियंत्रण अवधि के दौरान, नियमों का पालन सुनिश्चित करने के लिए निगरानी, ​​घर-घर जाकर निगरानी और स्वास्थ्य जांच की जाएगी. इसके अलावा, इस दौरान जिला मजिस्ट्रेट के आदेशानुसार पालतू कुत्तों की बिक्री और परिवहन पर पूरी तरह से प्रतिबंध रहेगा. इन निर्देशों का उल्लंघन करने वाले किसी भी व्यक्ति पर दंडात्मक कार्रवाई भी की जाएगी.

भारत में रेबीज

लैंसेट इन्फेक्शियस डिजीज जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, भारत में हर चार में से तीन जानवरों के काटने की घटनाएं कुत्तों के कारण होती हैं, तथा अनुमान है कि भारत में रेबीज के कारण हर साल 5,700 से अधिक मृत्यु हो जाती है. यह अध्ययन भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) द्वारा मार्च 2022 से अगस्त 2023 तक किया गया, जिसमें 15 राज्यों के 60 जिलों को शामिल किया गया.

अध्ययन में यह भी बताया गया कि जिन लोगों को कुत्ते ने काटा था (1,576), उनमें से पांचवें से अधिक लोगों को एंटी-रेबीज टीका नहीं लगाया गया था, जबकि दो-तिहाई (1,043) लोगों को कम से कम तीन खुराकें दी गई थीं.