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कोलकाता में सात महीने की बच्ची से दरिंदगी, कोर्ट ने दोषी को सुनाई सजा

कोलकाता की एक पॉक्सो अदालत ने सोमवार को उत्तर कोलकाता में सात महीने की बच्ची के साथ बलात्कार और उसकी हत्या के प्रयास के मामले में एक व्यक्ति को दोषी ठहराया.

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POCSO Act: कोलकाता की एक पॉक्सो अदालत ने सोमवार को उत्तर कोलकाता में सात महीने की बच्ची के साथ बलात्कार और उसकी हत्या के प्रयास के मामले में एक व्यक्ति को दोषी ठहराया. दोषी को सजा मंगलवार को सुनाई जा सकती है.

बैंकशाल अदालत में यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम (पॉक्सो) अदालत ने व्यक्ति को बच्ची के अपहरण, बलात्कार और हत्या के प्रयास का दोषी ठहराया. विशेष सरकारी अभियोजक बिभास चटर्जी ने कहा कि बच्ची का यहां सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में इलाज किया जा रहा है.

अभियोजन पक्ष के गवाह

उन्होंने कहा कि मुकदमे के दौरान आठ विशेषज्ञों सहित 24 गवाहों से पूछताछ की गई. चटर्जी ने कहा कि अपराध में आरोपी की भूमिका स्थापित करने के लिए अभियोजन पक्ष ने केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (सीएफएसएल) की सहायता ली. उन्होंने यह भी कहा कि आरोपी की अलग तरह की चाल ने उत्तर कोलकाता के बुरटोला थाना क्षेत्र के अंतर्गत इलाके में सीसीटीवी फुटेज से उसकी पहचान करने में मदद की.

बर्धमान जिले के अंडाल से गिरफ्तारी

आरोपी को 5 दिसंबर को पश्चिम बर्धमान जिले के अंडाल से गिरफ्तार किया गया था. यह गिरफ्तारी बच्ची के माता-पिता की शिकायत पर की गई थी. बच्ची के माता-पिता बुरटोला इलाके में सड़क किनारे झुग्गी में रहते हैं. विशेष सरकारी अभियोजक ने कहा कि मामले की सुनवाई पूरी होने में 40 दिन लगे. यह सुनवाई 7 जनवरी को शुरू हुई थी.

पॉक्सो एक्ट के तहत कार्रवाई

यह मामला पॉक्सो एक्ट के तहत दर्ज किया गया था, जो बच्चों के खिलाफ यौन अपराधों से संबंधित एक विशेष कानून है. इस कानून के तहत दोषियों को कठोर सजा का प्रावधान है. इस घटना ने समाज में आक्रोश पैदा कर दिया है। बच्ची के साथ हुई इस बर्बरता ने लोगों को झकझोर कर रख दिया है.