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India Daily

Pahalgam Terror Attack: सुरक्षाबलों ने खंगाले हर कोना, पहलगाम के जंगलों में चार बार पकड़ी गई संदिग्ध हरकतें!

Pahalgam Terror Attack: सेना, केंद्रीय आर्म्ड पुलिस बल और जम्मू-कश्मीर पुलिस मिलकर पहलगाम के जंगलों में चार आतंकवादियों को पकड़ने के लिए तलाशी अभियान चला रही है, जिनमें दो पाकिस्तानी हैं.

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Edited By: Ritu Sharma
Pahalgam terror attack
Courtesy: Social Media

Pahalgam Terror Attack: पहलगाम हमले के बाद एक तरफ जहां सियासत शुरू हो गई है तो वहीं दूसरी तरफ सुरक्षा बल आतंकियों की तलाश में जुटे हैं. इंडियन एक्सप्रेस के सूत्रों के मुताबिक, बीते पांच दिनों में सुरक्षाबलों ने आतंकियों को 'कम से कम चार बार' ट्रैक किया है. एक बार तो मुठभेड़ भी हुई, लेकिन आतंकवादी घने जंगलों का फायदा उठाकर भागने में कामयाब हो गए. एक अधिकारी ने बताया, ''यह बिल्ली और चूहे का खेल बन गया है. कई बार उनकी स्पष्ट झलक मिली, लेकिन पकड़ पाना मुश्किल साबित हुआ. जंगल इतने घने हैं कि पकड़ना आसान नहीं है. मगर हमें यकीन है कि जल्द ही उन्हें पकड़ लेंगे.''

कहां-कहां दिखे हमलावर

सूत्रों के अनुसार, सबसे पहले आतंकियों को हापत नार गांव के पास देखा गया, लेकिन वे घने जंगलों के बीच से निकल भागे. फिर कुलगाम के जंगलों में उनका सुराग मिला, जहां सुरक्षाबलों के साथ हल्की मुठभेड़ भी हुई. इसके बाद आतंकियों को त्राल पर्वतमाला और अब कोकेरनाग के आसपास देखा गया है, जहां उनकी मौजूदगी की आशंका जताई जा रही है.

भोजन और आपूर्ति ने बढ़ाई मुश्किलें

बता दें कि एक बड़ी चुनौती यह है कि आतंकी भोजन और अन्य जरूरतों के लिए बेहद सतर्कता से काम कर रहे हैं. एक अधिकारी ने बताया, ''आमतौर पर आतंकी भोजन के लिए गांवों में आते हैं, जिससे सूचना मिलती है. लेकिन ये लोग बहुत संभलकर चल रहे हैं. एक रात, वे एक गांव में घुसे और खाना उठाकर भाग निकले. जब तक सुरक्षाबल पहुंचे, वे गायब हो चुके थे.''

किश्तवाड़ रेंज बना संकट

वहीं कम बर्फबारी के चलते किश्तवाड़ रेंज आतंकियों के लिए भागने का नया रास्ता बन गई है. अधिकारी ने कहा, ''जम्मू की तरफ का इलाका अब ज्यादा घना और जटिल हो गया है. यही वजह है कि आतंकी दक्षिण कश्मीर में घूमते हुए मौका तलाश रहे हैं.''

जल्द पकड़े जाएंगे आतंकी

इसके अलावा, सुरक्षा एजेंसियां आश्वस्त हैं कि जल्द ही आतंकवादी कोई गलती करेंगे. अधिकारियों के मुताबिक, आतंकियों ने बैसरन में मारे गए लोगों के मोबाइल फोन भी अपने साथ ले लिए हैं, जिनके जरिए उनकी लोकेशन ट्रैक की जा रही है. सीमा सुरक्षा बलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है और घुसपैठ रोकने के लिए कड़ी निगरानी की जा रही है.