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India Daily

सीट शेयरिंग को लेकर AAP और कांग्रेस के बीच दूसरी अहम बैठक, जानें कहां फंसा है पेंच?

आगामी 2024 लोकसभा चुनाव के मद्देनजर AAP और कांग्रेस पार्टी के बीच सीट शेयरिंग फार्मूला को लेकर बातचीत का दौर जारी है. एक दौर की बातचीत के बाद आज दूसरे दौर की बातचीत होनी है.

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Edited By: Avinash Kumar Singh
Second important meeting between AAP and Congress

हाइलाइट्स

  • सीट शेयरिंग को लेकर AAP और कांग्रेस के बीच दूसरी अहम बैठक
  • पंजाब, गोवा, हरियाणा में सीट शेयरिंग फॉर्मूले को लेकर चर्चा की उम्मीद

नई दिल्ली: आगामी 2024 लोकसभा चुनाव के मद्देनजर AAP और कांग्रेस पार्टी के बीच सीट शेयरिंग फार्मूला को लेकर बातचीत का दौर जारी है. एक दौर की बातचीत के बाद आज दूसरे दौर की बातचीत होनी है. दोनों दल के बीच चर्चा के दौरान पंजाब, गोवा, हरियाणा में सीट शेयरिंग के फॉर्मूले को लेकर चर्चा की जाएगी. 

जानें हरियाणा में सीट शेयरिंग फार्मूले का क्या है प्लान? 

मिल रही जानकारी के मुताबिक AAP की नजर हरियाणा की 10 लोकसभा सीटों में से कम से कम आधी यानी पांच सीटों पर चुनाव लड़ने पर है, जिनमें ज्यादातर पंजाब की सीमा से लगती हैं. हरियाणा में AAP का यह प्रस्ताव कांग्रेस पार्टी के लिए गले की फांस बना हुआ है. पिछले 2019 लोकसभा चुनाव में AAP के खराब प्रदर्शन को देखते हुए कांग्रेस हरियाणा में पांच सीट AAP को देने की उत्सुक नहीं है.

जानें AAP ने क्या रखा प्रस्ताव? 

सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक AAP ने गुजरात में 1, हरियाणा में 5 और गोवा में 1, दिल्ली में 4, पंजाब में 6 लोकसभा सीट की मांग की है. कांग्रेस पार्टी उत्तर पूर्वी दिल्ली, चांदनी चौक और नयी दिल्ली संसदीय सीट पर चुनाव लड़ने को इच्छुक है. ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि दिल्ली समेत तमाम राज्यों में कांग्रेस और AAP के बीच गठबंधन की कैसी तस्वीर उभर के सामने आती है. 

सीट शेयरिंग फॉर्मूले और पीएम पर सस्पेंस बरकरार

इंडिया गठबंधन को जिन चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, उनमें सीट शेयरिंग फॉर्मूले के साथ-साथ पीएम के चेहरे पर विपक्षी दलों को भरोसे में लेते हुए सर्वानुमती बनाना है. बीते दिनों इंडिया गठबंधन की चौथी बैठक में मल्लिकार्जुन खरगे का नाम प्रस्तावित किया गया. सीएम ममता बनर्जी और केजरीवाल की तरफ से पीएम चेहरे के तौर पर नाम प्रस्तावित किये जाने के बाद खड़गे ने साफ तौर पर इंकार करते हुए बड़ा सियासी दांव चला है. अब देखना यह दिलचस्प होता जा रहा है कि इंडिया गठबंधन किसी रणनीति के साथ आगे बढ़ती है.