menu-icon
India Daily

रामलला प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान का दूसरा दिन, आज राम मंदिर का भ्रमण करेंगे भगवान रामलला

रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के अनुष्ठानों की हुई शुरुआत मंगलवार को हो गई है. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्र मुख्य यजमान बने है. आज 17 जनवरी बुधवार को रामलला की मूर्ति परिसर में प्रवेश करेगी और मूर्ति को परिसर का भ्रमण कराया जाएगा.

auth-image
Edited By: Avinash Kumar Singh
Second day of Ramlala Pran Pratistha ritual

हाइलाइट्स

  • रामलला प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान का दूसरा दिन
  • राम मंदिर का भ्रमण करेंगे भगवान रामलला

नई दिल्ली: रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के अनुष्ठानों की हुई शुरुआत मंगलवार को हो गई है. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्र मुख्य यजमान बने है. आज 17 जनवरी बुधवार को रामलला की मूर्ति परिसर में प्रवेश करेगी और मूर्ति को परिसर का भ्रमण कराया जाएगा.  फिर मंदिर परिसर में बने यज्ञ मंडप में अनुष्ठान शुरू होंगे. मंगल कलश में सरयू जल लेकर श्रद्धालु मंदिर पहुंचेंगे.आज दोपहर 1:20 के पश्चात जलयात्रा, तीर्थपूजन, ब्राह्मण-बटुक- कुमारी -सुवासिनी पूजन, वर्धिनीपूजन, कलशयात्रा एवं भगवान श्री रामलला की मूर्ति का प्रासाद परिसर में भ्रमण होगा. 

जानें प्राण-प्रतिष्ठा अनुष्ठान का आगे क्या रहने वाला है कार्यक्रम?

18 जनवरी को गणेश अंबिका पूजा, वरुण पूजा, मातृका पूजा, ब्राह्मण वरण, वास्तु पूजा आदि के साथ विधिवत अनुष्ठान शुरू होंगे.19 जनवरी को अग्नि स्थापना, नवग्रह स्थापना और हवन होगा. 20 जनवरी को मंदिर के गर्भगृह को सरयू के पवित्र जल से धोने के बाद वास्तु शांति और अन्नाधिवास होगा. 21 जनवरी को 125 कलशों से दिव्य स्नान के बाद शयाधिवास किया जाएगा. 22 जनवरी को सुबह पूजा के बाद दोपहर में मृगशिरा नक्षत्र में रामलला के विग्रह का अभिषेक किया जाएगा.

मंगलवार को शुरू हुआ रामलला प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान 

मंगलवार को करीब तीन घंटे तक प्रायश्चित पूजा हुई. इसके बाद यजमान अनिल मिश्र को सरयू स्नान कराया गया. अनिल मिश्र ने सपत्नीक संकल्प लिया और पूजन शुरू किया. मूर्ति निर्माण स्थल की भी पूजा हुई. चयनित मूर्ति का शुद्धीकरण करते हुए उनकी आंखों पर पट्टी बांधी गई है. यह पट्टी 22 जनवरी को खोली जाएगी. प्रायश्चित पूजा के दौरान मूर्तिकार अरुण योगीराज भी मौजूद रहे. प्रायश्चित पूजा के माध्यम से रामलला से क्षमा मांगी गई कि अगर निर्माण की प्रक्रिया में छेनी सहित अन्य यंत्रों से आपको चोट पहुंची हो या कष्ट हुआ हो तो उसके लिए क्षमा करें.

बाल रूप में भगवान रामलला की ऐसी होगी मूर्ति

भगवान श्री रामलला की बनाई गई मूर्ति पांच साल के बच्चे के रूप में है. यह प्रतिमा 51 इंच ऊंची है, जो काले पत्थर से बनी है और बहुत ही आकर्षक ढंग से बनाई गई है. भगवान राम की मूर्ति का चयन चेहरे की कोमलता, आंखों की सुंदरता, मुस्कुराहट और शरीर सहित अन्य चीजों को ध्यान में रखते हुए किया गया है. उन्होंने कहा कि पानी और दूध का पत्थर पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा. भगवान श्री राम की मूर्ति की लंबाई और इसकी स्थापना की ऊंचाई भारत के प्रतिष्ठित अंतरिक्ष वैज्ञानिकों की सलाह पर इस तरह से डिजाइन की गई है. हर साल चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को स्वयं भगवान सूर्य श्री राम का अभिषेक करेंगे क्योंकि दोपहर 12 बजे सूर्य की किरणें सीधे उनके माथे पर पड़ेंगी जिससे वह चमक उठेगा. 

रामलला प्राण प्रतिष्ठा के लिए 84 सेकंड का अति सूक्ष्म मुहूर्त

22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए 84 सेकंड का अति सूक्ष्म मुहूर्त निकाला गया है. जो 12 बजकर 29 मिनट 8 सेकंड से 12 बजकर 30 मिनट 32 सेकंड तक होगा. मध्‍याह्न काल में मृगशिरा नक्षत्र में 84 सेकेंड के मुहूर्त में प्रधानमंत्री मोदी रामलला के विग्रह की आंखों में बंधी पट्टी यानी दिव्‍य दृष्टि खोलने के बाद काजल व टीका लगाने के साथ-साथ भगवान रामलला की महाआरती करेंगे.