Pahalgam Attack: हाल ही में पहलगाम में हुए खौफनाक हमले के पीछे पाकिस्तानी आतंकी हाशिम मूसा का नाम सामने आया है, जिसे सुलेमान के नाम से भी जाना जाता है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मूसा पिछले एक साल से जम्मू-कश्मीर में सक्रिय था और तीन बड़े आतंकी हमलों में उसकी भूमिका रही है, जिनमें सुरक्षा बल और बाहरी नागरिकों को निशाना बनाया गया.
पीर पंजाल रेंज में छिपे हैं हमलावर
इसको लेकर बताया जा रहा है कि मूसा इस वक्त पीर पंजाल की ऊंची पहाड़ियों में अपने चार साथियों के साथ छिपा हुआ है. मंगलवार को बैसरन घाटी में हुए पर्यटक हमले में ये सभी शामिल थे. पुलिस ने जिन अन्य आतंकियों की पहचान की है, उनमें अली भाई उर्फ तल्हा, आसिफ फौजी (दोनों पाकिस्तानी), आदिल हुसैन थोकर (अनंतनाग) और अहसान (पुलवामा) शामिल हैं.
लश्कर और टीआरएफ के कनेक्शन की जांच
सूत्रों के अनुसार, हाशिम मूसा सिर्फ लश्कर-ए-तैयबा से ही नहीं, बल्कि कई पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठनों से भी जुड़ा हुआ हो सकता है. सुरक्षा एजेंसियां लश्कर से जुड़े ओवरग्राउंड वर्कर्स (OGW) की भूमिका की भी पड़ताल कर रही हैं, जिन्होंने आतंकियों की घाटी में घुसपैठ में मदद की.
एन्क्रिप्टेड ऐप्स से चलता है आतंकी संवाद
बताते चले कि जांच में यह भी सामने आया है कि आतंकी एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग ऐप्स के ज़रिए लश्कर और उसके फ्रंट संगठन TRF से संपर्क में थे. ऐसे डिजिटल कनेक्शनों की निगरानी तेज कर दी गई है.
पूछताछ में 2000 से ज्यादा हिरासत में
घटना को लेकर एक अधिकारी ने बताया, ''पूछताछ के लिए 2000 से ज़्यादा लोगों को हिरासत में लिया गया है, जिनमें OGW और पूर्व आतंकी शामिल हैं.'' इनमें से कई को पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया है, लेकिन छापेमारी अब भी जारी है.
सरकार ने कसा शिकंजा, बैठक में बनी रणनीति
हालांकि गृह मंत्रालय, आईबी और अन्य एजेंसियों ने दिल्ली में हाई लेवल मीटिंग कर सीमा सुरक्षा और आतंकी नेटवर्क को खत्म करने की रणनीति पर चर्चा की. TRF ने हमले की जिम्मेदारी ली है, लेकिन एजेंसियों के अनुसार यह सिर्फ लश्कर का नया चेहरा है.