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India Daily

'13 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए बैन हो सोशल मीडिया', सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की याचिका; केंद्र के पास जाने को कहा

अदालत ने याचिका का निपटारा किया और याचिकाकर्ता को अधिकारियों के सामने अपनी बात रखने की छूट दी. सोशल मीडिया के प्रभाव पर चिंता जताई गई.

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Edited By: Anvi Shukla
SUPREME COURT ON SOCIAL MEDIA
Courtesy: social media

Supreme Court On Social Media: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एक याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें 13 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई थी. कोर्ट ने यह कहा कि यह मामला नीति बनाने से संबंधित है और इसे न्यायिक हस्तक्षेप के बजाय संसद द्वारा हल किया जाना चाहिए. कोर्ट ने पेटिशनर के वकील से कहा, 'यह एक नीति का मामला है. आप संसद से कानून बनाने की मांग करें.' 

सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला यह स्पष्ट करता है कि सोशल मीडिया पर बच्चों के लिए प्रतिबंध लगाने का निर्णय संसद को लेना है, न कि कोर्ट को. इस याचिका को 'Zepp Foundation' ने दाखिल किया था. हालांकि, कोर्ट ने याचिकाकर्ता को यह अधिकार दिया कि वह संबंधित अधिकारियों के पास अपनी मांग रख सकते हैं. यदि वे ऐसा करते हैं, तो आठ सप्ताह के भीतर उनके द्वारा की गई याचिका पर कानून के अनुसार विचार किया जाएगा.

बच्चों की सुरक्षा से संबंधित नियम

याचिका में यह मांग की गई थी कि बच्चों के सोशल मीडिया तक पहुंच को नियंत्रित करने के लिए एक मजबूत ऐज वेरिफिकेशन सिस्टम, जैसे बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन, लागू किया जाए. इसके अलावा, सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर बच्चों की सुरक्षा से संबंधित नियमों का पालन न करने पर सख्त सजा देने की भी मांग की गई थी. कोर्ट ने इस मामले में यह फैसला दिया कि यह मुद्दा नीति निर्माण से संबंधित है और इसे संसद ही सुलझा सकती है.

23 साल का युवक गिरफ्तार

दूसरी ओर, सोशल मीडिया पर अवैध गतिविधियों से जुड़ा एक और मामला सामने आया है. दिल्ली पुलिस ने 23 साल के एक युवक को गिरफ्तार किया, जिसने सोशल मीडिया पर हथियारों के साथ वीडियो पोस्ट किए थे. पुलिस ने अमर बहादुर नामक इस युवक को बुराड़ी इलाके में पकड़ा. जांच के दौरान, पुलिस को उसके पास एक देसी पिस्तौल, एक जिंदा कारतूस और दो खाली कारतूस मिले. अमर बहादुर ने सोशल मीडिया पर ज्यादा फॉलोअर्स पाने के लिए यह वीडियो बनाए थे और उसने यह हथियार एक दोस्त से लिया था. यह दोनों घटनाएं यह दिखाती हैं कि सोशल मीडिया पर बच्चों और युवाओं की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखने की जरूरत है, ताकि वे गलत रास्ते पर न जाएं.