Electoral Bond: एसबीआई की ओर से इलेक्टोरल बॉन्ड बेचे और भुनाए जाने से संबंधित स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) के बारे में जानकारी देने से इंकार कर दिया गया है. एक RTI के जवाब में बैंक ने बताया कि कुछ चीजें कॉमर्शियल कॉन्फिडेंस के तहत आती हैं. SBI की ओर से कहा गया है कि इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम की SOP हमारी बैंक के ऑथराइज्ड ब्रांचों के लिए समय-समय पर जारी की गई थीं.
SBI ने कहा कि इलेक्टोरल बॉन्ड्स को कैसे बेचा जाना है इसको लेकर गाइडलाइन जारी की गई थी. बैंक ने आगे कहा कि यह गाइडलाइंस संस्थान का अंदरूनी मामला था और इसे आरटीआई की धारा 8(1)(d) के तहत छूट मिली हुई है. बता दें, ट्रांसपेरेंसी एक्टिविस्ट अंजलि भारद्वाज की ओर से एक RTI डालकर इस बात की जानकारी मांगी गई थी कि SBI की ऑथराइज्ड ब्रांच से इलेक्टोरल बॉन्ड्स के जारी करने की SOP क्या थी.
RTI के इस एक्ट में व्यवसाय से जुड़ी जानकारियां, ट्रेड सीक्रेट या इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स को छूट दी गई है क्योंकि इन चीजों का खुलासा होने से व्यावसायिक स्थिति को नुकसान होने का खतरा होता है. हालांकि, सक्षम प्राधिकारी को यह अधिकार दिया गया है कि ऐसे मामलों में भी सूचना देने का आदेश दे सकते हैं अगर उन्हें लगता है कि उस जानकारी को सार्वजनिक करना जनहित में है.
इलेक्टोरल बॉन्ड्स के मामले में सुप्रीम कोर्ट की ओर से फटकार लगाए जाने के बाद SBI ने चुनाव आयोग को डेटा दी थी. 21 मार्च को एसबीआई ने कोर्ट को बताया था कि उसने चुनाव आयोग को इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़ी सभी जानकारी दे दी है. बता दें, 18 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश दिया था कि 21 मार्च को शाम 5 बजे तक हर हाल में एसबीआई इलेक्टोरल बॉन्ड से संबंधित सभी जानकारियां दें.