दिल्ली में सत्ताधारी आप पार्टी के मंत्री सौरभ भारद्वाज मीडिया एजेंसी को एक इंटरव्यू दिया. इसमें सौरभ भारद्वाज ने कानून व्यवस्था के मुद्दे पर बात करते समय कहा कि दिल्ली में इस समय कानून व्यवस्था की स्थिति काफी बुरी है. आप किसी व्यापारी की पार्टी में जाएंगे तो पता चलेगा कि 100 में से 80 लोग जबरन वसूली के शिकार हैं. इसके लिए भारतीय जनता पार्टी व दिल्ली के LG भी जिम्मेदार हैं.
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि आज दिल्ली में कई गैंग सक्रिय हैं, गैंग में शामिल गैंगस्टर्स व्यापारियों से हर रोज रंगदारी व फिरौती की मांग कर रहे हैं. व्यापारी भी खौफ के साए में रहते हुए गैंगस्टर्स को पैसा देने के लिए मजबूर हैं. इंटरनेशनल कॉल से लोगों को मारने की धमकी दिलवाई जा रही है. जो लोग पैसा दे देते हैं उनकी जान सुरक्षित है, और जो लोग पैसा नहीं दे रहे उनपर गोलियां चलाई जा रही हैं. महज 24 घंटे में दिल्ली के नारायणा क्षेत्र में स्थित एक शोरूम में हमलावर पहुंचे और मालिक से 5 करोड़ की रंगदारी मांगी थी.
सौरभ भारद्वाज ने एक के बाद एक कई अपराधिक मामलों को गिनवाना शुरु किया. सौरभ भारद्वाज ने बताया कि महिपालपुर में होटल पर हमला हुआ. इस हमले में भी फिरौती के लिए पैसे की मांग की गई. ठीक ऐसा ही मामला नागलोई से सामने आया. जहां एक मशहूर मिठाई की दुकान में हमलावरों ने गोलियां चलाई और फिरौती के लिए दीपक बॉक्सर के नाम की चिट को वहां डालकर चले गए.
आगे बातचीत करते हुए सौरभ भारद्वाज ने गुलाबी बाग में 4 किलो 400 ग्राम सोने की लूट को अंजाम दिया. ग्रेटर कैलाश में 1 हफ्ता पूर्व जिम मालिक पर फायरिंग हुई. सौरभ भारद्वाज ने कहा कि इतने सालों से दिल्ली में पहले कभी भी दहशत का ऐसा माहौल नही देखा गया. दिल्ली में देश की संसद है सुप्रीम कोर्ट, पीएम और राष्ट्रपति का आवास है सभी वरिष्ठ नेताओं का घर दिल्ली में है.
सौरभ भारद्वाज ने भाजपा शासित केंद्र सरकार और उनके ही उपराज्यपाल (एलजी) ने दिल्ली की यह हालत कर दी. एलजी दिल्ली सरकार के कामों में टांग अड़ाने के बजाय अगर अपना काम करे तो दिल्ली की सुरक्षा का यह हाल ना हो. दिल्ली सरकार का काम होता है, तो एलजी निरीक्षण करने पहुंच जाते हैं. पीडब्ल्यूडी के यहां चले जाते हैं, बाढ़ आती है तो चले जाते हैं.
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि LG हर रोज दिल्ली सरकार पर तो टिप्पणी करते हैं लेकिन उन्हें कानून व्यवस्था की स्थिति नहीं दिखती. दिल्ली में 209 पुलिस स्टेशन हैं. एलजी को हर रोज एक थाने का निरीक्षण करना चाहिए, लेकिन वह ऐसा नहीं करते. जब PWD या MCD का काम आता है तो फौरन जाकर फोटो खिंचवाते हैं, फिर दावा करते हैं कि काम उनके आदेश पर होता है, जबकि वो दिल्ली सरकार का काम होता है.'
जिस समय एलजी को पुलिस थाने में जाकर निरीक्षण करना चाहिए. उस समय वह नहीं गए. क्या इसका कारण एलजी दे सकते है? इसका सीधा मतलब यही है कि आप खुद ही नहीं चाहते अपना काम करना. यदि ऐसा नहीं हुआ तो हम केंद्र सरकार को घेरेंगे.