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India Daily

संसद में धक्काकांड और अस्पताल में बीजेपी के सांसद..., संजय राउत ने ली चुटकी, कहा- 'अच्छी एक्टिंग'

संसद में बीजेपी और कांग्रेस सांसदों के बीच हुई धक्का-मुक्की के बाद बीजेपी के दो सांसद घायल हो गए थे, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था. इस घटना पर शिवसेना यूबीटी के नेता संजय राउत ने चुटकी ली है.

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Edited By: Kamal Kumar Mishra
Sanjay Raut
Courtesy: x

Sanjay Raut: संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान संसद परिसर में हुए धक्काकांड को लेकर सियासत गरमा गई है. भाजपा और कांग्रेस एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप कर रहे हैं. इस बीच, शिवसेना यूबीटी के नेता संजय राउत ने इस घटना पर टिप्पणी की है. राउत ने भाजपा सांसदों के अस्पताल में भर्ती होने पर चुटकी ली है. उन्होंने इसे एक्टिंग बताते हुए कहा कि भाजपा सांसदों ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है.

राहुल गांधी के ऊपर दर्ज हुई एफआईआर को लेकर राउत ने मोदी सरकार पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि सरकार इन मामलों को ईडी और एफबीआई को सौंप सकती है, क्योंकि यह सरकार किसी भी झूठे मामले को दर्ज कर सकती है. राउत ने कहा कि भाजपा के लोग यह सब फर्जी आरोप लगाते हैं.

नगर निगम का चुनाव अकेले लडे़गी उद्धव की सेना

इसके अलावा, राउत ने महाराष्ट्र में शिवसेना के भविष्य को लेकर भी बयान दिया. उन्होंने कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं की मांग है कि शिवसेना मुंबई नगर निगम का चुनाव अकेले लड़े. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इससे महाविकास अघाड़ी की स्थिति पर कोई असर नहीं पड़ेगा. राउत ने उद्धव ठाकरे पर भरोसा जताया कि वे कार्यकर्ताओं की राय के बाद फैसला करेंगे.

राउत ने अडणवीस पर झूठ बोलने का लगाया आरोप

राउत ने भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस पर भी निशाना साधा. उन्होंने फडणवीस पर झूठ बोलने का आरोप लगाया और कहा कि फडणवीस का अर्बन नक्सल बयान बकवास है. राउत ने यह भी कहा कि फडणवीस केवल स्टंट करने में माहिर हैं और वे झूठ बोलने के लिए कागज का सहारा लेते हैं. 

बांग्लादेश मुद्दे पर बोले राउत

साथ ही, राउत ने नेपाल और बांगलादेश में हिंदुओं की स्थिति पर भी टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि अगर ये लोग सच में हिंदू होते, तो इन देशों में जाकर वहां के मुद्दों को हल करने का प्रयास करते. महाराष्ट्र में सरकार की स्थिति पर भी राउत ने सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि सरकार तो बन गई है, लेकिन अब तक मंत्रालयों का आवंटन नहीं किया गया है. ऐसे में यह समझना मुश्किल है कि सरकार की जिम्मेदारी कौन संभाल रहा है.