राउत ने अन्ना हजारे पर लगाया आरोप, बीजेपी के शासन में साधी चुप्पी
Anna Hazare and Sanjay Raut Statement: अन्ना हजारे और संजय राउत के बीच एक गंभीर राजनीतिक बहस छिड़ चुकी है. जहां राउत ने अन्ना पर भाजपा के खिलाफ चुप्पी साधने का आरोप लगाया, वहीं अन्ना ने इसे अपनी नजरिये से देखने की बात की.
Anna Hazare and Sanjay Raut Statement: मंगलवार को शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे पर गंभीर आरोप लगाए. राउत का कहना था कि अन्ना हजारे ने 2014 के बाद भाजपा के नेतृत्व वाली सरकारों में भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज नहीं उठाई, जबकि उन्होंने पहले भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन किया था.
संजय राउत ने एक बयान में कहा, "अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया ने अन्ना हजारे को महात्मा बना दिया, लेकिन अन्ना के बिना वे दिल्ली तक नहीं देख पाते. 2014 के बाद भाजपा शासित केंद्र और महाराष्ट्र में कई अनियमितताएं हुईं, लेकिन अन्ना ने इस पर एक शब्द भी नहीं कहा." उन्होंने यह भी कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ विरोध जताने के लिए अन्ना को दिल्ली के रामलीला मैदान और जंतर मंतर पर आकर अपनी आवाज उठानी चाहिए थी.
अन्ना हजारे का पलटवार:
इस पर अन्ना हजारे ने जवाब देते हुए कहा, "कुछ लोग अपनी मानसिकता के अनुसार चीजों को समझते हैं और उसी नजरिये से दुनिया को देखते हैं." अन्ना का यह बयान राउत के आरोपों के जवाब के रूप में आया, जो उन्होंने हाल ही में दिए थे.
बीजेपी पर भी लगाए थे गंभीर आरोप:
शिवसेना यूबीटी के सांसद संजय राउत ने भारतीय जनता पार्टी पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं. राउत ने कहा कि 2014 से जबसे बीजेपी सत्ता में आई है, तब से देश में चुनाव संवैधानिक तरीके से नहीं कराए जा रहे हैं. उनका दावा है कि बीजेपी धनबल और सत्ताबल का गलत तरीके से इस्तेमाल कर रही है, जिसके परिणामस्वरूप पार्टी लगातार चुनावों में जीत हासिल कर रही है.