Sandeshkhali Unrest: पश्चिम बंगाल में विपक्ष के नेता शुवेंदु अधिकारी कोर्ट से इजाजत के बाद आज संदेशखाली जा रहे हैं. भाजपा के सीनियर नेता शुवेंदु के साथ भाजपा के पांच विधायक भी जा रहे हैं. पांचों विधायकों में शंकर घोष, विशाल लामा, अग्निमित्रा पॉल, सुमिता सिन्हा रॉय और तापसी मंडल शामिल हैं. संदेशखाली में हिंसा के बाद वहां लंबे समय से धारा 144 लागू थी, जिस पर कलकत्ता हाई कोर्ट ने अंतरिम रोक लगा दिया है. कोर्ट की ओर से संदेशखाली जाने वाले शुभेंदु अधिकारी के सामने कुछ शर्तें भी रखी गईं हैं.
संदेशखाली जाने के दौरान दो बार रोके जाने के बाद शुवेंदु अधिकारी ने कलकत्ता हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. दोनों पक्षों के सवालों के जवाब के बाद सोमवार को उनके संदेशखाली दौरे को मंजूरी दे दी गई. जानकारी के मुताबिक, शुवेंदु अधिकारी के साथ जा रही कई महिला विधायक संदेशखाली की पीड़ित महिलाओं से मुलाकात करेंगे. दरअसल, महिलाओं टीएमसी नेता शाहजहां शेख और उसके गुर्गों पर उत्पीड़न का आरोप लगाया है.
शुवेंदु अधिकारी: बंगाल में विपक्ष के नेता हैं. वे पहले टीएमसी में हुआ करते थे, लेकिन बाद 19 दिसंबर 2020 को उन्होंने अमित शाह की मौजूदगी में भाजपा ज्वाइन कर लिया. 2021 में उन्होंने नंदीग्राम विधानसभा से ममता बनर्जी के खिलाफ चुनाव लड़ा था और उन्हें हराया था. शुवेंदु अधिकारी के पिता सिसिर अधिकारी मनमोहन सिंह सरकार में केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्य मंत्री रहे थे.
शंकर घोष: 2021 में पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में शंकर घोष सिलीगुड़ी से विधायक चुने गए. पश्चिम बंगाल के बांकुरा जिले के बिष्णुपुर से आने वाले शंकर घोष सीपीआईएम से जुड़े हुए थे, लेकिन 12 मार्च 2021 को उन्होंने भाजपा ज्वाइन कर लिया था.
बिशाल लामा: भाजपा विधायक बिशाल लामा 2021 में कालचीनी विधानसभा सीट से चुने गए हैं. बिशाल अलीपुरद्वार जिले के कालचीनी के रहने वाले हैं.
अग्निमित्रा पॉल: अग्निमित्र पाल राजनीति में आने से पहले फैशन डिजाइनर थीं. वे पश्चिम बंगाल भाजपा महिला मोर्चा की अध्यक्षा हैं. 2021 के विधानसभा चुनाव में वे आसनसोल दक्षिण विधानसभा सीट से विधायक चुनी गई हैं.
सुमिता सिन्हा रॉय: सुमिता सिन्हा रॉय भारतीय जनता पार्टी की सदस्य हैं. उन्होंने 2021 के चुनाव में कांथी उत्तर से पश्चिम बंगाल विधान सभा के लिए चुनी गईं हैं.
तापसी मंडल: तापसी मंडल पश्चिम बंगाल विधानसभा की सदस्य हैं. वे 2016 से हल्दिया विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रही हैं. पहले वे भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) से जुड़ी थीं, लेकिन 2020 में उन्होंने भाजपा ज्वाइन कर लिया था.
विपक्ष के नेता शुवेंदु अधिकारी ने सोमवार को कहा कि मैं संदेशखाली के 7-8 इलाकों में जाऊंगा. मैंने कोर्ट को उन 8-9 मोहल्लों के बारे में जानकारी दी. वहां जाकर मैं प्रताड़ित मां, बहन और उनके परिवार से मिलूंगा. यहां तक कि हमारे कई निर्दोष बीजेपी कार्यकर्ताओं को भी वहां गिरफ्तार किया गया है, मैं उनके परिवारों से भी बात करूंगा.
कोर्ट को जानकारी दिए जाने के बाद कलकत्ता हाई कोर्ट ने शुभेंदु अधिकारी को संदेशखाली जाने की अनुमति दे दी. सोमवार को जस्टिस कौशिक चंद ने उन्हें सशर्त कुछ जगहों पर जाने की अनुमति दे दी. कोर्ट ने कहा कि शुभेंदु अधिकारी को ये सुनिश्चित करना होगा कि कानून व्यवस्था न बिगड़े.
एक दिन पहले यानी सोमवार को बंगाल भाजपा चीफ सुकांत मजूमदार ने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 7 मार्च को उत्तर 24 परगना जिले के बशीरहाट में एक विशाल रैली कर सकते हैं. संदेशखाली पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता से 80 किलोमीटर दूर है. ये इलाका बशीरहाट ब्लॉक में पड़ता है. अब पीएम मोदी की एक रैली बशीरहाट ब्लॉक में प्रस्तावित की गई है.
पीएम मोदी की प्रस्तावित दौरे को लेकर शुवेंदु अधिकारी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संदेशखाली के पीड़ितों से भी मिलने जा सकते हैं. उन्होंने कहा कि संदेशखाली पहले से ही राजनीतिक तनाव की चपेट में है. संदेशखाली में आदिवासी समुदाय और उनकी महिलाओं की स्थिति अच्छी नहीं है, ऐसा केंद्र का महिला आयोग और अनुसूचित आयोग पहले ही कह चुका है.
इंडिया टुडे को दिए इंटरव्यू में शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि प्रधानमंत्री के आगमन को लेकर तैयारियां की जाएंगी. हालांकि, अभी तारीख की घोषणा नहीं की गई है. इस बारे में प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जानकारी दी जाएगी.
इससे पहले एससी आयोग ने संदेशखाली में राष्ट्रपति शासन की वकालत की थी. दरअसल, अनुसूचित जाति एवं जनजाति आयोग के प्रतिनिधिमंडल ने संदेशखाली का दौरा किया था. जिस दिन आयोग का दौरा हुआ था, उसी दिन राष्ट्रीय महिला आयोग की टीम भी संदेशखाली पहुंची थी. महिला आयोग आयोग के मुताबिक, संदेशखाली में आए दिन महिलाओं पर अत्याचार के आरोप लगते रहे हैं. वहां की महिलाओं को पुलिस पर भरोसा नहीं है. राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने राष्ट्रपति शासन के पक्ष में कहा था कि इसके अलावा और कोई रास्ता नहीं है.
दरअसल, फरवरी की शुरुआत में संदेशखाली में लगातार अशांति की घटनाओं से संबंधित खबरें आईं. महिलाओं की कई तस्वीरें और वीडियोज सामने आईं, जिनमें वे उत्पीड़न का विरोध करतीं नजर आईं. उन्होंने आरोप लगाया कि स्थानीय टीएमसी नेता शाहजहां शेख और उसके गुर्गे क्षेत्र की महिलाओं का उत्पीड़न करते हैं. यहां के लोगों की जमीनें छीनते हैं. कुछ महिलाओं ने दावा किया कि उनके साथ आए दिन यौन उत्पीड़न किया जाता था.
आरोपों के बाद राष्ट्रीय महिला आयोग की दो प्रतिनिधियों ने संदेशखाली के हलदरपाड़ा, पुकुरपाड़ा और लश्करपाड़ा की महिलाओं से बात की. राष्ट्रीय महिला आयोग के एक्स (पूर्व ट्विटर) हैंडल पर एक पोस्ट में कहा गया कि संदेशखाली की रिपोर्ट ने महिलाओं के उत्पीड़न को उजागर किया है. राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी मांग की कि पीड़ितों को शीघ्र सुरक्षा प्रदान की जाए.
इस बीच, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने संदेशखाली में बलात्कार का आरोप लगाने वाली महिला की पहचान उजागर करने के लिए पश्चिम बंगाल पुलिस के खिलाफ पत्र लिखा. उन्होंने ये पत्र राष्ट्रीय महिला आयोग को भेजा. उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने शिबू हाजरा के खिलाफ शिकायत करने वाली महिला का नाम उजागर कर दिया है. इतना ही नहीं महिला का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर अपलोड किया गया है.