Sandeshkhali Unrest: कलकत्ता हाईकोर्ट ने सोमवार को पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के हिंसा प्रभावित संदेशखली इलाके में धारा 144 लगाने पर सात दिनों की अंतरिम रोक लगा दी. न्यायमूर्ति कौशिक चंदा की एकल पीठ ने राज्य विधानसभा में नेता विपक्ष सुवेंदु अधिकारी को भी क्षेत्र का दौरा करने की अनुमति दी है, लेकिन शर्त लगाई है कि भाजपा नेता को अपनी यात्रा के दौरान कोई भी भड़काऊ भाषण नहीं देना है.
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले हफ्ते नंदीग्राम के भाजपा विधायक को पुलिस ने धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा का हवाला देते हुए संदेशखाली जाने से दो बार रोका था. बाद में उन्होंने संदेशखाली जाने की अनुमति के लिए हाईकोर्ट का रुख किया था. उधर, निषेधाज्ञा पर रोक लगाने की मांग करने वाली एक जनहित याचिका (पीआईएल) पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति कौशिक चंदा ने अगले सात दिनों के लिए क्षेत्र में धारा 144 पर अंतरिम रोक जारी की है.
कोर्ट ने पहले 13 फरवरी के आदेश को अमान्य कर दिया था, लेकिन राज्य के अधिकारियों को प्रभावित क्षेत्रों के लिए ऐसे उपायों की बहाली का अनुरोध करने का मौका दिया था. कोर्ट के फैसले के बावजूद जिला प्रशासन ने अगले दिन संदेशखाली में कुछ इलाकों में आवाजाही पर प्रतिबंध लगा दिया था. सुवेंदु अधिकारी की संदेशखाली जाने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए एकल पीठ ने उन्हें शर्तों के साथ क्षेत्र का दौरा करने की अनुमति दी. अधिकारी को संदेशखाली में किसी भी गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल नहीं होने का भी निर्देश दिया गया था.
अधिकारी ने कोर्ट के आदेश का स्वागत करते हुए कहा कि वह मंगलवार को संदेशखाली का दौरा करेंगे. अनुमति 12 फरवरी को भी दी गई थी, लेकिन उन्होंने (प्रशासन) धारा 144 लगा दी. इसके बाद भाजपा नेता ने विधानसभा परिसर के बाहर मीडिया को बताया था कि आज मुझे एक विशिष्ट आदेश मिला और मैं कल वहां जाऊंगा. पीड़ित परिवारों से मिलूंगा. उन्होंने कहा कि कई भाजपा कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया है, मैं उनके परिवार के सदस्यों से मिलूंगा.