Sandeshkhali Row: भाजपा ने बुधवार को दावा किया कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी संदेशखाली हिंसा मामले में कुछ छिपाना चाहती हैं. भाजपा के सीनियर नेता रविशंकर प्रसाद ने आज कहा कि ममता बनर्जी अपनी राजनीतिक प्रतिष्ठा बचाने के लिए बंगाल में महिलाओं के सम्मान को खतरे में डाल रही हैं. उन्होंने इस मुद्दे पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी की चुप्पी पर भी सवाल उठाया.
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि संदेशखाली मुद्दा गंभीर है... महिलाओं पर जबरदस्त हमले, उनके साथ अपमानजनक व्यवहार और यौन उत्पीड़न के बारे में जो सामने आ रहा है, वह हमारे समाज और लोकतंत्र के लिए शर्म की बात है. ममता बनर्जी अब भी हिंसा और आरोपियों का बचाव कर रही हैं. क्यों? एक पत्रकार को भी गिरफ्तार किया गया है. आखिर ममता बनर्जी क्या छिपाना चाहती हैं और क्यों? एक महिला मुख्यमंत्री अपनी राजनीतिक प्रतिष्ठा बचाने के लिए महिलाओं के सम्मान को खतरे में डाल रही हैं. उनकी अंतरात्मा मर गई है क्या?
रविशंकर प्रसाद ने मामले में कांग्रेस और CPI-M की चुप्पी पर भी सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि मैंने सुना है कि CPI-M की एक महिला नेता ने क्षेत्र का दौरा किया लेकिन उन्होंने इस घटना के विरोध में कुछ नहीं कहा. उन्होंने कोई सार्वजनिक टिप्पणी नहीं की है. उधर, राहुल गांधी भी चुप हैं.
आखिर संदेशखाली पर ममता जी क्या छुपाना चाहती हैं और क्यों छुपाना चाहती हैं?
— BJP (@BJP4India) February 21, 2024
एक महिला मुख्यमंत्री अपनी राजनीतिक साख बचाने के लिए महिलाओं की इज्जत को दांव पर लगा रही है।
- श्री @rsprasad
पूरा वीडियो देखें: https://t.co/wB7YzYuefU pic.twitter.com/CiJJdC34ku
बंगाल के 24 उत्तरी परगना जिले में कई महिलाएं कथित तौर पर जमीन हड़पने और यौन हिंसा को लेकर टीएमसी नेता शाहजहां शेख के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रही हैं. बंगाल पुलिस ने टीएमसी के दो नेताओं को गिरफ्तार कर लिया है लेकिन शेख लापता है. इस मुद्दे पर पश्चिम बंगाल भाजपा के सीनियर नेता शहर में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.
इस बीच, कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने एक सिख पुलिस अधिकारी को कथित तौर पर खालिस्तानी कहने पर भाजपा नेताओं की आलोचना की. उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में, भाजपा नेताओं ने एक पुलिस अधिकारी को खालिस्तानी कहकर संबोधित किया और उनका अपमान किया. मैं इसकी निंदा करता हूं. वे बंगाल की संस्कृति से अवगत नहीं हैं. हम भी संदेशखाली जाना चाहते थे और हमें रोक दिया गया. किसी भी अधिकारी को उसके धर्म के आधार पर निशाना नहीं बनाया जाना चाहिए. आईपीएस जसप्रीत सिंह अपमानित महसूस कर रहे होंगे. कांग्रेस भी बंगाल पुलिस की आलोचना करती है लेकिन हम ऐसी टिप्पणी नहीं करते हैं. बीजेपी को इसके लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए.
इस मामले पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को कहा कि भाजपा की विभाजनकारी राजनीति ने अपनी संवैधानिक सीमाओं को पार कर दिया है. भाजपा के अनुसार पगड़ी पहनने वाला हर व्यक्ति खालिस्तानी है. मैं अपने बलिदान और दृढ़ संकल्प के लिए पूजनीय हमारे सिख भाइयों और बहनों की प्रतिष्ठा को कमजोर करने के इस दुस्साहसिक प्रयास की कड़ी निंदा करती हूं. हम बंगाल के सामाजिक सौहार्द की रक्षा के लिए दृढ़ हैं और इसे बाधित करने के किसी भी प्रयास को रोकने के लिए सख्त कानूनी कदम उठाएंगे