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Sandeshkhali case: ममता सरकार को राहत, एथिक्स कमेटी के एक्शन पर लगी रोक, संदेशखाली मामले में SC सख्त

Sandeshkhali Row: CJI डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव की ओर से दायर एक याचिका पर सुनवाई की. सुनवाई के दौरान लोकसभा सचिवालय, विशेषाधिकार समिति, सुकांत मजूमदार को नोटिस जारी किया.

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Edited By: India Daily Live
 Sandeshkhali incident Supreme Court stays Lok Sabha panel probe

Sandeshkhali Row: संदेशखाली के मामले पर आज यानी सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. कोर्ट ने लोकसभा सचिवालय नोटिस जारी कर आदेश दिया कि 4 हफ्ते बाद होने वाली अगली सुनवाई तक कार्यवाही रुकी रहनी चाहिए.

संदेशखाली मामले पर लोकसभा एथिक्स कमेटी ने चीफ सेक्रेट्री के साथ-साथ राज्य के अन्य टॉप पुलिस अफसर को नोटिस जारी कर आज पेश होने को कहा था. एथिक्स कमेटी के इस नोटिस को बंगाल सरकार की ओर से चुनौती दी गई थी. पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव भगवती प्रसाद गोपालिका ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.

बंगाल के चीफ सेक्रेटरी की ओर से सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाए जाने के बाद आज सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने बंगाल के अधिकारियों के खिलाफ लोकसभा पैनल की जांच पर रोक लगा दी. दरअसल, बंगाल भाजपा चीफ और सांसद सुकांत मजूमदार मामले के सामने आने के बाद संदेशखाली जाना चाहते थे, लेकिन उन्हें पुलिस ने रोक लिया था. पुलिस की ओर से रोके जाने के बाद सांसद ने लोकसभा की विशेषाधिकार समिति के सामने शिकायत दर्ज कराई थी. इसके बाद कमेटी ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव भगवती प्रसाद गोपालिका और पुलिस महानिदेशक राजीव कुमार समेत अन्य अधिकारियों को नोटिस जारी कर पेश होने का आदेश दिया था. 

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार यानी आज सुनवाई करते हुए अधिकारियों के खिलाफ जारी विशेषाधिकार हनन की कार्यवाही पर रोक लगा दी. साथ ही कोर्ट ने लोकसभा सचिवालय, विशेषाधिकार समिति, सुकांत मजूमदार को नोटिस जारी कर चार हफ्तों में जवाब मांगा.

नोटिस के खिलाफ कोर्ट पहुंची थी ममता सरकार

पश्चिम बंगाल में संदेशखाली घटना से संबंधित पार्लियामेंट एथिक्स कमिटी के नोटिस के खिलाफ पश्चिम बंगाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था. सीनियर वकील कपिल सिब्बल ने पश्चिम बंगाल में संदेशखाली घटना से संबंधित पार्लियामेंट एथिक्स कमिटी के नोटिस के खिलाफ पश्चिम बंगाल सरकार की याचिका का सुप्रीम कोर्ट में उल्लेख किया.

पार्लियामेंट एथिक्स कमिटी ने एक शिकायत पर पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक समेत सीनियर अधिकारियों को नोटिस जारी किया था. बंगाल सरकारी की ओर से पेश सीनियर वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि राजनीतिक गतिविधियां विशेषाधिकार का हिस्सा नहीं हो सकतीं. पश्चिम बंगाल सरकार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने लोकसभा सचिवालय और अन्य को नोटिस जारी भी किया. साथ ही मामले में आगे की कार्यवाही पर भी रोक लगा दी.

क्या है मामला?

दरअसल, पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता से 80 किलोमीटर दूर संदेशखाली इन दिनों चर्चाओं में है. गांव की महिलाओं का आरोप है कि टीएमसी का नेता शाहजहां शेख गांव के लोगों की जमीनों पर कब्जा करता है. साथ ही महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार करता है. महिलाओं के आरोप के बाद बंगाल में विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने ममता सरकार पर कई आरोप लगाए हैं. विपक्ष का आरोप है कि तमाम शिकायतों के बाद भी टीएमसी नेता को गिरफ्तार नहीं किया गया है.