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संभल हिंसा में नया मोड़, तुर्क VS पठान की लड़ाई में भड़का बवाल, आपसी वर्चस्व की लड़ाई में जला शहर

उत्तर प्रदेश सरकार ने घटना पर गहरी चिंता जताई है और आरोपी लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की बात कही है.मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे हिंसा के कारणों की पूरी जांच करें और दोषियों को गिरफ्तार करें.

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Edited By: Mayank Tiwari
Sambhal Mosque Violence
Courtesy: PTI

Sambhal Violence: उत्तर प्रदेश के संभल जिले में हुई हिंसा को लेकर एक बड़ा खुलासा सामने आया है.सूत्रों के अनुसार, तुर्क और पठान समुदाय के बीच हुए संघर्ष ने हिंसा का रूप ले लिया, जिसमें 4 लोगों की मौत हो गई. जिनमें सभी पठान विधायक इकबाल महमूद अंसारी के समर्थक थे. सूत्रों का कहना है कि, हिंसा के मुख्य कारणों में तुर्क बनाम पठान और देसी बनाम विदेशी के मुद्दे को हवा दी गई. इसके कारण दोनों समुदायों के समर्थकों के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ये हिंसा उस समय भड़क उठी जब तुर्क समुदाय के सांसद समर्थकों ने पठान समुदाय के विधायक इकबाल महमूद अंसारी के समर्थकों पर गोलियां चला दीं. इस फायरिंग की घटना में पठान, सैफी और अंसारी समुदाय के लोग मारे गए. बताया जा रहा है कि वर्चस्व की लड़ाई में ये खूनी खेल हुआ. हालांकि, अब तक की जांच में ये साफ हो गया है कि पुलिस की गोली से कोई भी हताहत नहीं हुआ और मारे गए सभी लोग विधायक के समर्थक थे.

SP सांसद और विधायक बेटे के खिलाफ FIR दर्ज

हालांकि, अब तक के अपडेट से पता चला है कि संभल पुलिस ने 7 मुकदमें दर्ज किए हैं. जिसमें समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और संभल सदर सीट से सपा विधायक इकबाल महमूद के बेटे सुहेल इकबाल का नाम सामने आया है. इसके अलावा पुलिस ने 800 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. जिनमें सांसद जियाउर्रहमान बर्क और सोहेल इकबाल के नाम नामजद एफआईआर दर्ज की है.

हजारों लोगों को झूठे मुकदमों में फंसाया जा रहा- अखिलेश यादव

इस बीच संभल ज़िले में शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हुई हिंसा पर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मंगलवार को  कहा, "न्याय नहीं मिल रहा. तमाम हज़ारों लोगों को झूठे मुकदमे में फंसाया जा रहा है. वहां के सांसद, विधायक और उनके पुत्र पर झूठे मुकदमे लगा रहे हैं. पूरी गलती सरकार की है. सर्वे एक बार हो चुका था तो फिर दोबारा सर्वे क्यों करना." अखिलेश यादव ने कहा कि वो सर्वे के ख़िलाफ़ नहीं थे, लेकिन सर्वे करने वाली टीम के पीछे जो नारा लगा रहे थे उनके ख़िलाफ़ क्या कार्रवाई हुई?उन्होंने पूछा, "क्या सर्वे की टीम के साथ बीजेपी के कार्यकर्ता थे जो भड़का रहे थे. इन पर कार्रवाई हुई क्या?"