भारत में चुनावी माहौल की तपिश की शुरुआत हो चुकी है. लोकसभा इलेक्शन में बीजेपी नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जीत की हैट्रिक लगाने के लिए पूरी तरह यकीन में है. विपक्षियों की चुनौती किसी तरह भाजपा का विजयी रथ रोकना है. राहुल गांधी समेत विपक्ष के बड़े नेता मोदी और भाजपा पर कड़े प्रहार कर रहे हैं. शब्दबाणों के ये तीर कितने असरदार साबित होंगे ये तो वक्त ही बताएगा. लेकिन इस बार सपा नेता स्वामी प्रसाद मोर्य ने अजीबगरीब बयान देकर ध्यान खींचा है.
मौर्य को लोग उनके विवादित बयानों के कारण जानते हैं. उनकी चर्चाओं का आलम ही यही है कि कोई ना कोई बात वे ऐसी कहते ही रहते हैं. इस बार बीजेपी पर निशाना साधने के चक्कर में मौर्य भगवान राम पर कुछ चीजें कह गए.
सपा नेता ने राम को करोड़ों लोगों द्वारा पूजे जाने वाले भगवान के तौर पर माना, लेकिन साथ ही कहा कि बीजेपी की हरकतें तो ऐसी हैं जैसे राम को उन्होंने ही जन्म दिया हो. जबकि राम सबके हैं, सबका ध्यान रखते हैं, राम तो जीवनदाता हैं.
मौर्य ये भी कह गए कि भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा कर ये साबित करने की कोशिश की गई मानों राम में इससे पहले प्राण नहीं थे. वे निर्जीव थे. ये तो भगवान राम को नीचा दिखाने वाली बात हो गई. बीजेपी राम को जीवन दे रही है! ये सब नौटंकी नहीं तो क्या है? भारत के युवाओं का ध्यान भटकाकर उनको गुमराह करने की कोशिश है.
मौर्य ने कहा कि राम तो हजारों साल से पूजनीय हैं. भाजपा उनकी छवि को कम कर रही है. राम की प्राण प्रतिष्ठा करने का कोई मतलब नहीं था.
इसके अलावा मौर्य ने इस बात को लेकर भी प्रतिक्रिया दी कि रालोद मुखिया जयंत चौधरी और बीजेपी के बीच गठबंधन हो सकता है. समाजवादी पार्टी के नेता ने कहा कि भाजपा को झूठ बोलने में पीएचडी हासिल है. ये गठबंधन भी एक झूठ ही है जिसके चलते जयंत चौधरी को बदनाम किया जा रहा है. गठबंधन की बातों का कोई आधार नहीं हैं.