Sam Manekshaw Red Motorcycle: साल 1947 में भारत और पाकिस्तान का बंटवारा हो गया और इसी के साथ दुनिया में दो नए मुल्कों का जन्म हुआ. बंटवारे से पहले भारत और पाकिस्तान के सभी सैन्यकर्मी एक दूसरे के गहरे मित्र और सहकर्मी हुआ करते थे. इन्हीं गहरे मित्रों में तो बहुत ही प्रसिद्ध नाम शामिल थे एक पाकिस्तान के पूर्व आर्मी चीफ जनरल याह्या खान और दूसरे फील्ड मार्शल की रैंक पर पहुंचने वाले भारतीय सेना के पहले चीफ सैम मानेकशॉ.
जी हां वही सैम मानेकशॉ जिनकी अगुवाई में भारतीय सेना ने 1971 की जंग में पाकिस्तान को धूल चटाई थी. वही मानेकशॉ जिन पर हाल ही में एक बॉलीवुड फिल्म भी आ रही है जिसमें विक्की कौशल मुख्य भूमिका निभा रहे हैं.
आज हम आपको सैम मानेकशॉ और याह्या खान की दोस्ती का एक अनसुना किस्सा सुनाने जा रहे हैं. ये दोनों इतने गहरे दोस्त थे कि एक बार याह्या खान ने मानेकशॉ के सामने उनकी लाल रंग की एक मोटरसाइकिल खरीदने का प्रस्ताव रखा था. 1947 के बंटवारे से पहले दोनों गहरे दोस्त हुआ करते थे.
सैम के पास उस समय लाल रंग की जेम्स मोटरसाइकिल हुआ करती थी. याह्या को उनकी ये बाइक बेहद पसंद थी. याह्या ने सैम के सामने इस मोटरसाइकिल को खरीदने का प्रस्ताव रखा. सैम इसके लिए राजी भी हो गए लेकिन कुछ ही समय बाद भारत-पाकिस्तान का बंटवारा हो गया और याह्या सैम की मोटरसाइकिल लेकर पाकिस्तान चले गए.
उन्होंने फिर कभी भी सैम को उस बाइक के 1000 रुपए दिये ही नहीं. लेकिन उसके बाद सैम ने बाइक की कीमत पाकिस्तान के दो टुकड़े कर वसूली.
1971 में हुए भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद 16 दिसंबर 1971 को पाकिस्तान की आर्मी ने भारत के सामने एतिहासिलक सरेंडर एग्रीमेंट साइन किया था. उस समय सैम मानेकशॉ ही भारतीय सेना के चीफ थे, जबकि याह्या खान पाकिस्तान के राष्ट्रपति.
सैम मानेकशॉ ने इस एग्रीमेंट के बाद टिप्पणी की थी कि याह्या ने कभी भी मेरी मोटरसाइकिल के 1000 रुपए नहीं चुकाए लेकिन अब उन्होंने अपना आधा देश देकर इसकी कीमत चुकाई है. बता दें कि 1971 की लड़ाई के बाद पाकिस्तान दो हिस्सों पाकिस्तान और बांग्लादेश में बंट गया था.
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