गर्मियों के मौसम में देश के अलग-अलग हिस्सों के लोग पहाड़ी इलाकों में जाते हैं. कुछ लोग सिर्फ घूमने जाते हैं तो कुछ लोग एडवेंचर का मजा उठाते हैं. ऐसी ही एक एडवेंचरस एक्सरसाइज ट्रेकिंग होती है. उत्तराखंड के सहस्रताल में हर साल लोग ट्रेकिंग के लिए आते हैं. इस साल ट्रेकिंग के लिए आए कुछ लोगों पर यह एडवेंचर भारी पड़ गया. खराब मौसम के चलते लोग रास्ते में ही फंस गए. कुछ लोगों की जान भी चली गई. समय रहते सूचना मिल जाने की वजह से लगभग एक दर्जन लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया है.
उत्तराखंड के सहस्रताल में 22 लोगों का एक ग्रुप ट्रेकिंग के लिए निकला हुआ था. रास्ते में मौसम ज्यादा खराब होने की वजह से ट्रैकिंग पर निकले लोग बुरी तरह से फंस गए. ज्यादा ठंड होने की वजह से शुरुआत में 4 लोगों की मौत हो गई. वहीं, 5 लोगों की हालत बुरी तरह से बिगड़ गई. जब तक वहां राहत व्यवस्था पहुंचती तब तक उन पांचों लोगों की भी मौत हो चुकी थी. वहीं कुछ समय में राहत व्यवस्था पहुंचने के बाद किसी भी प्रकार की जन हानि नहीं हुई. साथ ही बाकी बचे लोगों को सुरक्षित रूप से निकाला गया है.
उत्तरकाशी के जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने बताया है कि सहस्रताल के ट्रेकिंग रूट पर फंसे ट्रेकर्स को रेस्क्यू करने के लिए एसडीआरएफ और वन विभाग के रेस्क्यू दल अलग-अलग दिशाओं से घटनास्थल के लिए गए हैं. वन विभाग की 10 सदस्यों की रेस्क्यू टीम सिल्ला गांव से आगे गई है जबकि जिला मुख्यालय उत्तरकाशी से एसडीआएफ के दल ने भी टिहरी जिले के बूढ़ा केदार की तरफ से रेस्क्यू शुरू किया है.
इस रेस्क्यू अभियान में जुटे पुलिस अधीक्षक अर्पण यदुवंशी ने बताया कि एसडीआरएफ की माउंटेनियरिंग टीम भी देहरादून से हेलिकॉप्टर से एरियल रेकी के लिए गई है. साथ ही, सहस्रताल ट्रेक रूट पर फंसे ट्रेकर्स को निकालने के लिए वायु सेवा के द्वारा भी सर्च एवं रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया गया है.
दोपहर बाद इस उच्च हिमालयी क्षेत्र में मौसम खराब होने के कारण हेलिकॉप्टर रेस्क्यू अभियान में कुछ कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. जिसे देखते हुए जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने घटना स्थल को भेजी गई जमीनी रेस्क्यू टीमों को तेजी से आगे बढ़ने की सलाह दी है.
यह ट्रेकिंग ग्रुप 22 लोगों का था. जिसमें अलग-अलग प्रदेशों के लोग शामिल हैं. जिनमें कर्नाटक के 18 सदस्य, मुंबई का एक सदस्य और तीन स्थानीय गाइड भी थे. ट्रेकर्स उत्तरकाशी-टिहरी जनपद की सीमा पर करीब 14,500 फीट की ऊंचाई पर स्थित सहस्रताल में फंसे थे.
29 मई को एक 22 सदस्यीय दल मल्ला-सिल्ला से कुश कल्याण बुग्याल होते हुए सहस्रताल की ट्रेकिंग के लिए निकला था. इस ट्रेकिंग ग्रुप को 7 जून तक वापस आना था. 2 जून को यह दल सहस्रताल के कोखली टॉप बेस कैंप पहुंचा. 3 जून को वहां से सहस्रताल के लिए रवाना हुए. वहां अचानक मौसम खराब होने, घने कोहरे और बर्फबारी के बीच ट्रेकर रास्ता भटक गए. जिसकी वजह से इन्हें पूरी रात ठंड में बितानी पड़ी. ट्रेकर्स में से किसी ने इसकी सूचना दल को ले जाने वाली गढ़वाल माउंटनेरिंग एवं ट्रेकिंग एजेंसी के मालिक को दी थी. तब तक 4 लोगों की मौत हो चुकी थी. वहीं, पांच लोगों की तबीयत बुरी तरीके से खराब हो गई थी.