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पाकिस्तान जाएंगे पर PAK से बात नहीं, जयशंकर ने बताया यात्रा का इरादा

S Jaishankar Visit Pakistan: भारत के विदेश मंत्री शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के शासनाध्यक्षों की बैठक में शामिल होने के लिए पाकिस्तान जा रहे हैं. इससे पहले उन्होंने दिल्ली में आयोजित एक बैठक में अपनी यात्रा के उद्देश्य के बारे में बात की. इसी के साथ उन्होंने मध्य पूर्व के हालात पर चिंता जाहिर करते हुए दुनिया से बड़ी अपील की है.

S Jaishankar
Courtesy: X @SJaishankar

S Jaishankar Visit Pakistan: पाकिस्तान में आयोजित होने वाली शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के शासनाध्यक्षों की बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर शामिल होने जाने वाले हैं. इससे पहले वो दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम पहुंचे. इस दौरान उन्होंने साफ किया कि यह एक बहुपक्षीय कार्यक्रम होगा और उनका उद्देश्य SCO में भारत की भागीदारी को मजबूत करना है, न कि भारत-पाकिस्तान संबंधों पर चर्चा करना. इसके साथ ही उन्होंने पड़ोंसियों से भारत के संबंध और मिडिल ईस्ट में छिड़े युद्ध को लेकर भी अपनी बात रखी है. आइये जानें उन्होंने और क्या कहा?

बता दें विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दिल्ली में आयोजित सरदार पटेल व्याख्यान में भाग लेने पहुंचे थे. यहां उन्होंने अपने आगामी पाकिस्तान दौरे की चर्चा की. इसके साथ ही विदेश मंत्री ने मिडिल ईस्ट में हो रही दंग से हो रहे भारत के नुकसान पर भी चर्चा की है. आइये जानें उन्होंने और क्या-क्या कहा है?

मध्य पूर्व के हालात पर चिंता

विदेश मंत्री ने ईरान, लेबनान और इजरायल के बीच चल रहे संघर्ष पर गहरी चिंता व्यक्त की. उन्होंने कहा कि मध्य पूर्व अब अवसर नहीं बल्कि एक गहरी चिंता का क्षेत्र बन गया है. यहां के संघर्ष बढ़ते जा रहे हैं, जिससे वैश्विक अर्थव्यवस्था और आपूर्ति श्रृंखला पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है. उनका मानना है कि आज के वैश्वीकरण के युग में किसी भी क्षेत्र में होने वाला संघर्ष पूरे विश्व को प्रभावित कर सकता है.

पाकिस्तान से संबंधों पर विचार

भारत और पाकिस्तान के संबंधों पर जयशंकर ने कहा कि भारत पड़ोसी पाकिस्तान के साथ अच्छे संबंध चाहता है, लेकिन सीमा पार आतंकवाद को नज़रअंदाज नहीं कर सकता. उन्होंने सरदार पटेल द्वारा दिखाए गए यथार्थवाद को भारत की नीति का आधार बताते हुए कहा कि पटेल की सावधानी और उनकी दृष्टि आज भी प्रासंगिक हैं.

सरदार पटेल की नीति का महत्व

सरदार पटेल का ज़िक्र करते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि उनकी सबसे बड़ी श्रद्धांजलि यही होगी कि हमने हमेशा अपनी चौकसी बनाए रखी. उन्होंने कहा कि अगर सरदार पटेल को सभी मुद्दों पर नियंत्रण करने की अनुमति दी जाती तो भारतीय एकीकरण की कहानी कुछ और होती. पटेल संयुक्त राष्ट्र में जाने के खिलाफ थे और उन्होंने भारत के मुद्दों को बाहरी ताकतों के सामने न ले जाने की वकालत की थी.

वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला पर असर

विदेश मंत्री ने बताया कि इस संघर्ष से ग्लोबल सप्लाई चैन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है. भारत समेत अन्य देशों को आर्थिक और सुरक्षा संबंधी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि मध्य पूर्व की अस्थिरता भारत की तेल आपूर्ति और वहां रहने वाले भारतीय प्रवासियों की सुरक्षा पर प्रतिकूल असर डाल सकती है.

अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील

विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि आज के समय में किसी भी क्षेत्रीय संघर्ष का प्रभाव वैश्विक स्तर पर होता है और इसे हल करने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय को मिलकर कूटनीतिक प्रयास करने चाहिए. उन्होंने पश्चिम एशिया में शांति और स्थिरता लाने के लिए वैश्विक ताकतों से संयुक्त प्रयासों की अपील की, ताकि वैश्विक अर्थव्यवस्था और आपूर्ति श्रृंखला को स्थिर रखा जा सके.