S Jaishankar to China on Arunachal: चीनी नागरिक मामलों के मंत्रालय ने अरुणाचल प्रदेश के कुछ जगहों के नाम बदल दिए और उनकी लिस्ट जारी की. चीन के इस करतूत पर विदेश मंत्री जयशंकर ने उसे दो टूक में कहा कि नाम बदल लेने से आप उन जगहों के मालिक नहीं बन जाओगे. साथ ही उन्होंने एक बार फिर चीन के दावों को किया खारिज कर कहा कि अरुणाचल प्रदेश, भारत का अभिन्न अंग है.
चीन ने अरुणाचल के कुछ गांवों के नाम बदले हैं, जिसके बाद उसे भारत की ओर से विरोध का सामना करना पड़ा है. सूरत में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अरुणाचल प्रदेश हमेशा भारत का हिस्सा था, है और रहेगा. उन्होंने कहा कि अगर मैं आपके घर का नाम बदल दूं, तो क्या वह मेरा हो जाएगा? अरुणाचल प्रदेश एक भारतीय राज्य था, एक भारतीय राज्य है और भविष्य में भी ऐसा ही रहेगा.
गुजरात के दो दिवसीय दौरे पर आए विदेश मंत्री ने कहा कि नाम बदलने से कुछ हासिल नहीं होगा. चीनी नागरिक मामलों के मंत्रालय ने पिछले सप्ताह अरुणाचल के करीब 30 स्थानों के नाम बदल दिए और इसकी लिस्ट जारी की. जिन स्थानों के नाम बदले गए हैं, उनमें 12 पहाड़, 4 नदियां, 1 झील, एक पहाड़ी दर्रा और 11 रेसिडेंशियल एरिया और एक प्लॉट शामिल है. नामों की लिस्ट के अलावा, चीनी मंत्रालय ने विस्तृत अक्षांश और देशांतर और क्षेत्रों का एक हाई-रिज़ॉल्यूशन मैप भी शेयर किया.
ये चौथी बार है जब चीन ने उत्तर-पूर्वी राज्य में गांवों के लिए नए नामों की सूची जारी की है. इससे पहले, पहली बार 2017 में चीन ने अरुणाचल प्रदेश में छह स्थानों के नाम बदले थे. फिर 2021 में 15 जगहों के नाम बदले और लिस्ट जारी की. इसके बाद, तीसरी बार 2021 में 11 जगहों के नाम बदलकर चीन ने लिस्ट जारी की. कुल मिलाकर चीन की ओर से चार बार में 62 जगहों के नाम बदले जा चुके हैं.
समाचार एजेंसी ANI ने जयशंकर के हवाले से कहा कि भारतीय सेना वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर तैनात है. कुछ दिन पहले, विदेश मंत्रालय (MEA) के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा था कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा था, है और हमेशा रहेगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अरुणाचल प्रदेश यात्रा पर भारत के साथ राजनयिक विरोध दर्ज कराने के कुछ दिनों बाद चीन की ओर से 30 जगहों के नाम बदलकर लिस्ट जारी की गई है. पीएम मोदी ने हाल ही में अरुणाचल दौरे के दौरान सेला टनल का उद्घाटन किया था, जिसका उद्देश्य तवांग जैसे रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्रों में हर मौसम में कनेक्टिविटी बढ़ाना और सेना की सुविधा प्रदान करना है.
चीन ने संयुक्त राज्य अमेरिका की ओर से अरुणाचल प्रदेश को भारतीय क्षेत्र के रूप में मान्यता देने वाले एक बयान पर भी नाराजगी व्यक्त की है. चीनी विदेश और रक्षा मंत्रालयों ने अमेरिका के रुख की आलोचना करते हुए कहा कि चीन और भारत के बीच सीमा मुद्दा द्विपक्षीय है और इसमें वाशिंगटन शामिल नहीं है.