India Bangladesh Relations: विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बांग्लादेश के साथ भारत के संबंधों को लेकर कड़ा संदेश दिया है. उन्होंने कहा कि ढाका को यह तय करना होगा कि वह भारत के साथ किस तरह के संबंध रखना चाहता है. जयशंकर का यह बयान मस्कट में बांग्लादेशी समकक्ष तौहीद हुसैन से मुलाकात के एक सप्ताह बाद आया है.
'भारत पर दोषारोपण स्वीकार नहीं' – जयशंकर
आपको बता दें कि जयशंकर ने कहा कि बांग्लादेश की सरकार एक तरफ भारत के साथ अच्छे संबंधों की बात करती है, तो दूसरी तरफ हर छोटी-बड़ी समस्या के लिए भारत को दोषी ठहराती है. उन्होंने कहा, ''अगर हर दिन कोई अधिकारी भारत को गलत चीजों के लिए दोषी ठहराएगा, तो यह रिश्ता स्वस्थ नहीं रह सकता.''
अल्पसंख्यकों पर हमले चिंता का विषय
वहीं विदेश मंत्री ने कहा कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे सांप्रदायिक हमले भारत के लिए एक बड़ी चिंता हैं. उन्होंने स्पष्ट किया कि यह एक ऐसा मुद्दा है, जिस पर भारत को चुप नहीं रहना चाहिए और सरकार ने इस पर अपनी राय रखी भी है.
राजनीतिक मतभेदों के बावजूद मजबूत पड़ोसी रिश्ते जरूरी
बताते चले कि आगे जयशंकर ने कहा कि भारत और बांग्लादेश का रिश्ता ऐतिहासिक रूप से बहुत खास रहा है, जो 1971 के मुक्ति संग्राम से चला आ रहा है. हालांकि, दोनों देशों की अपनी-अपनी राजनीति है, लेकिन यह जरूरी है कि वे एक सकारात्मक और स्थिर रिश्ते की दिशा में काम करें.
हालांकि, भारत ने बांग्लादेश से स्पष्ट संकेत देने को कहा है कि वह किस तरह के द्विपक्षीय संबंध चाहता है. जयशंकर के इस बयान से संकेत मिलता है कि भारत अब बांग्लादेश की राजनीति में भारत-विरोधी बयानबाजी को सहन नहीं करेगा.