Nagpur violence: महाराष्ट्र में नागपुर के महाल इलाके में सोमवार, 17 मार्च की रात दो गुटों के बीच झड़प और पत्थरबाजी की घटना हुई. इस हिंसक संघर्षों के बीच वरिष्ठ RSS पदाधिकारी सुनील आंबेकर ने बयान दिया कि मुगल सम्राट औरंगजेब, जिनके मकबरे को लेकर विवाद शुरू हुआ था, आज के समय में प्रासंगिक नहीं हैं. उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी प्रकार की हिंसा समाज के लिए हानिकारक है. बता दें कि, इस घटना में कई पुलिस कर्मी घायल हो गए थे.
दरअसल, नागपुर में हाल ही में हुए सांप्रदायिक संघर्षों में 30 से अधिक लोग घायल हुए, जिनमें अधिकांश पुलिसकर्मी थे. यह संघर्ष उस समय हुआ जब दक्षिणपंथी संगठनों ने औरंगजेब के मकबरे को हटाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया. सुनील आंबेकर ने इस संबंध में कहा, "प्रश्न यह है कि क्या आज औरंगजेब प्रासंगिक हैं और क्या उनका मकबरा हटाना चाहिए? उत्तर है कि वह अब प्रासंगिक नहीं हैं. समाज के स्वास्थ्य के लिए किसी भी प्रकार की हिंसा सही नहीं है.
महाराष्ट्र में औरंगजेब पर क्यों हो रहा विवाद?
महाराष्ट्र में 17वीं सदी के मुग़ल सम्राट औरंगजेब को लेकर विवाद नया नहीं है. हाल ही में यह मुद्दा तब फिर उछला जब फिल्म 'छावा' रिलीज़ हुई, जिसमें मराठा राजा छत्रपति संभाजी महाराज की कहानी और औरंगजेब द्वारा उनकी हत्या के प्रसंग को दिखाया गया. फिल्म की रिलीज़ के बाद औरंगजेब के मकबरे को लेकर नया विवाद शुरू हुआ.
विहिप और बजरंग दल का प्रदर्शन और हिंसा का फैलाव
सोमवार (17 मार्च) को विश्व हिंदू परिषद (VHP) और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने खल्दाबाद में औरंगजेब के मकबरे को हटाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया. इस प्रदर्शन के दौरान औरंगजेब का पुतला जलाया गया, जिसमें एक चादर लपेटी हुई थी. इस घटना के बाद अफवाहें फैल गईं कि धार्मिक सामग्री जलाई गई, जिससे इलाके में तनाव पैदा हो गया. इसके बाद महल और हंसापुरी इलाकों में तोड़फोड़ और आगजनी की घटनाएं हुईं, जहां प्रदर्शनकारियों ने कई घरों को निशाना बनाया और पास ही खड़ी गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया.
पुलिस की कार्रवाई में किस-किस की हुई गिरफ्तारी
बुधवार को पुलिस ने हिंसा के मुख्य आरोपी, माइनॉरिटी डेमोक्रेटिक पार्टी (MDP) के नेता फहीम शमिम खान को गिरफ्तार किया गया है. वहीं, VHP के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि उनका प्रदर्शन शांतिपूर्ण था और उन्होंने हिंसा को बढ़ावा नहीं दिया. VHP के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा,"मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि हिंसा पूर्व नियोजित थी... पेट्रोल बम तुरंत नहीं मिल सकते थे, यह पहले से तैयार किए गए थे. यह किसी उकसावे के कारण नहीं हुआ. हमारा प्रदर्शन शांतिपूर्ण था.