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India Daily

हैदराबाद में 850 करोड़ रुपये की पोंजी स्कीम का भंडाफोड़, दो गिरफ्तार, 17 फरार

‘फाल्कन इनवॉइस डिस्काउंटिंग प्लेटफॉर्म’ से जुड़ी 850 करोड़ रुपये की पोंजी स्कीम का भंडाफोड़ करते हुए पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है.

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Edited By: Garima Singh
 Ponzi scheme busted in Hyderabad
Courtesy: x

‘फाल्कन इनवॉइस डिस्काउंटिंग प्लेटफॉर्म’ से जुड़ी 850 करोड़ रुपये की पोंजी स्कीम का भंडाफोड़ करते हुए पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है. साइबराबाद पुलिस ने रविवार को यह जानकारी दी और बताया कि इस स्कीम के जरिए 6,000 से अधिक जमाकर्ताओं को धोखाधड़ी का शिकार बनाया गया है.

पुलिस के अनुसार, आरोपियों ने अल्पावधि निवेश पर अधिक मुनाफा देने का वादा कर निवेशकों को लुभाया और उन्हें धोखा दिया. मुख्य आरोपी अमरदीप कुमार (फाल्कन कैपिटल वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक), आर्यन सिंह (मुख्य परिचालन अधिकारी) और योगेंद्र सिंह (मुख्य कार्यकारी अधिकारी) अभी भी फरार हैं. इन आरोपियों ने ‘इनवॉइस डिस्काउंटिंग’ की आड़ में अल्पावधि निवेश पर ऊंचे मुनाफे का झांसा देकर लोगों को ठगा.

दो आरोपी गिरफ्तार, 17 अभी भी फरार

पुलिस के एक अधिकारी ने बताया, "इस मामले में कुल 19 लोगों को आरोपी बनाया गया है,
जिनमें से दो को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि अन्य अभी भी फरार हैं." 15 फरवरी को हुई गिरफ्तारी में कैपिटल प्रोटेक्शन फोर्स प्राइवेट लिमिटेड के उपाध्यक्ष और फाल्कन इनवॉइस डिस्काउंटिंग प्लेटफॉर्म के बिजनेस हेड पवन कुमार और कैपिटल प्रोटेक्शन फोर्स प्राइवेट लिमिटेड एवं फाल्कन कैपिटल वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड की निदेशक काव्या एन को गिरफ्तार किया गया.

कैसे रची गई धोखाधड़ी की साजिश?

साइबराबाद पुलिस आयुक्तालय द्वारा जारी विज्ञप्ति में बताया गया कि आरोपियों ने मोबाइल ऐप और वेबसाइट शुरू कर ‘फाल्कन इनवॉइस डिस्काउंटिंग प्लेटफॉर्म’ को ‘पीयर-टू-पीयर इनवॉइस डिस्काउंटिंग सेवा’ के रूप में गलत तरीके से प्रस्तुत किया. यह वास्तविक सेवा की तरह प्रतीत होती थी, जिससे निवेशकों का विश्वास जीता गया. आरोपियों ने दावा किया कि वे निवेशकर्ताओं को प्रतिष्ठित कंपनियों से जोड़ रहे हैं, जबकि हकीकत में वे फर्जी सौदों और विक्रेताओं की नकली प्रोफाइल के जरिए धोखाधड़ी कर रहे थे.

1,700 करोड़ रुपये जमा, 850 करोड़ की धोखाधड़ी

पुलिस के अनुसार, कुल 1,700 करोड़ रुपये जमा किए गए, जिनमें से 850 करोड़ रुपये निवेशकों को लौटा दिए गए जबकि शेष 850 करोड़ रुपये की बकाया राशि 6,979 जमाकर्ताओं को चुकाई जानी थी, जो धोखाधड़ी की रकम मानी जा रही है. आरोपियों ने 11-22 प्रतिशत सालाना मुनाफा देने का वादा किया था और निवेश की सीमा 25,000 रुपये से 9 लाख रुपये तक थी, जिसकी अवधि 45 से 180 दिन तक थी.

प्रमुख आरोपी अभी भी फरार

मुख्य आरोपी अमरदीप कुमार, आर्यन सिंह और योगेंद्र सिंह अभी भी फरार हैं. साइबराबाद पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) उनकी तलाश में जगह-जगह छापेमारी कर रही है. पुलिस उपायुक्त (ईओडब्ल्यू) के प्रसाद ने कहा, "आरोपियों ने ‘कैपिटल प्रोटेक्शन फोर्स प्राइवेट लिमिटेड’ और इसकी संबंधित संस्थाओं के तहत ‘फाल्कन इनवॉइस डिस्काउंटिंग प्लेटफॉर्म’ के जरिए 850 करोड़ रुपये की वित्तीय धोखाधड़ी की है."

जांच और कार्रवाई जारी

पुलिस ने बताया कि घोटाले के सभी पहलुओं की जांच की जा रही है. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और सेबी (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) से भी मदद ली जा रही है. धोखाधड़ी से प्रभावित निवेशकों को सतर्क रहने और आगे की कार्रवाई के लिए पुलिस से संपर्क करने की सलाह दी गई है.