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Republic Day 2025: 'आप खुश नहीं रह सकते अगर... ' RSS प्रमुख मोहन भागवत ने युवाओं को बताया संविधान का मतलब

76वें गणतंत्र दिवस के मौके पर RSS प्रमुख मोहन भागवत ने शांति और सौहार्द का संदेश दिया है. उन्होंने कहा कि यदि आपके घर में अशांति है तो वह पूरी दुनिया में फैल जाती है.

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Republic Day 2025: गणतंत्र दिवस 2025 के मौके पर भिवंडी में आयोजित एक कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत ने समाज और देश की उन्नति के लिए बंधुत्व और सहयोग की अहमियत पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि अगर एक व्यक्ति दुखी होता है, तो उसका दुख पूरे समाज और विश्व में फैलता है. 

मोहन भागवत ने कहा कि अगर किसी व्यक्ति का परिवार दुखी है, तो वह स्वयं सच्चे अर्थों में सुखी नहीं हो सकता. भागवत ने परिवार को समाज का मूल आधार बताते हुए कहा कि परिवार से गांव, गांव से प्रदेश और फिर प्रदेश से देश बनता है. इसीलिए, समाज और परिवार के बीच मजबूत बंधुत्व और सहयोग जरूरी है, ताकि देश और समाज विकास की दिशा में आगे बढ़ सकें.

समाज के विकास के लिए सहयोग की जरूरत

कार्यक्रम में भागवत ने समाज के विकास के लिए सहयोग की आवश्यकता पर भी बात की. उनका कहना था कि बिना सहयोग के समाज का विकास संभव नहीं है. उन्होंने ध्वज के मध्य स्थित धर्म चक्र के प्रतीक को समझाते हुए कहा कि यह समानता और स्वतंत्रता का संदेश देता है. उनका मानना था कि यदि हम समाज को अपने देश के रूप में मानेंगे, तो इससे देश की शक्ति में वृद्धि होगी और हर नागरिक को इसका लाभ मिलेगा. साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि समाज में बंधुत्व की भावना बनाए रखना बहुत आवश्यक है, क्योंकि इससे ही समाज में एकता और प्रगति संभव हो पाती है.

क्या बांटते हैं यह समझना जरूरी

भागवत ने जीवन के उद्देश्य पर भी बात की और कहा कि यदि हम केवल अपने लिए जीते हैं, तो क्या जीवन का कोई उद्देश्य है? उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि जो लोग अपने परिवार और समाज के लिए काम करते हैं, उनकी जयंती मनाना एक बड़ा पुण्य है. उन्होंने अपील की कि हमारी प्राथमिकता यह होनी चाहिए कि हम क्या बांटते हैं, न कि हम क्या कमाते हैं. साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि हमें पुरुषार्थ से कमाई करनी चाहिए, लेकिन जो कुछ भी सृष्टि हमें देती है, उसे हमें वापस भी लौटाना चाहिए. 

भागवत ने भारत के आध्यात्मिक और तकनीकी ज्ञान के अद्वितीय संयोजन को पूरी दुनिया के सामने लाने की आवश्यकता पर भी बल दिया.