नई दिल्ली: छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में बड़ी जीत हासिल करने के बाद विधायक रेणुका सिंह ने पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की है. मिली जानकारी के मुताबिक दोनों नेताओं के बीच करीब 30 मिनट तक मुलाकात चली है. उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही छत्तीसगढ बीजेपी प्रभारी ओम माथुर, सह प्रभारी नितिन नबीन और नियुक्त किये गए पर्यवेक्षक रायपुर आ सकते हैं, जहां बीजेपी विधायक दल की बैठक में सीएम के चेहरे का चयन होगा. विधानसभा चुनाव में बड़ी जीत हासिल करने के बाद बीजेपी में सीएम फेस को लेकर तमाम नाम सामने आ रहे है. जिनमें रेणुका सिंह का नाम सीएम की रेस में सबसे आगे बताया जा रहा है.
छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव जीते 2 सांसदों अरुण साव और गोमती साय ने लोकसभा की संसद सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. वहीं रेणुका सिंह भी दिल्ली में हैं. संसद से इस्तीफे के सवाल पर रेणुका सिंह ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि पार्टी जैसा निर्देश देगी, वैसा करेंगे. ऐसे में अब देखना यह दिलचस्प है कि बीजेपी आलाकमान रेणुका सिंह की क्या भूमिका तय करता है? छत्तीसगढ़ की भरतपुर-सोनहत विधानसभा सीट से रेणुका सिंह ने बड़ी जीत दर्ज करके सीएम पद पर अपनी दावेदारी को पुख्ता कर दिया है.
छत्तीसगढ़ की 90 विधानसभा सीटों में से बीजेपी को 54 और कांग्रेस को 35 सीटें मिली है. सियासी चर्चाओं की मानें तो बीजेपी हाईकमान किसी आदिवासी चेहरों पर भरोसा जता सकती है. जिसमें मोदी सरकार की मंत्री रेणुका सिंह का नाम सीएम पद की रेस में बढ़त बनाए हुए है. वह महिला होने के साथ-साथ आदिवासी चेहरा भी हैं. जो उनके पक्ष में जा सकता है. तमाम सियासी समीकरण और भविष्य की चुनावी रणनीतियों के मद्देनजर बीजेपी उनके नामों पर गंभीरता से विचार कर सकती है. रेणुका सिंह फिलहाल मोदी सरकार में जनजातीय मामलों की केंद्रीय राज्य मंत्री की जिम्मेदारी संभाल रही है. बीजेपी ने उन्हें भरतपुर सोनहत विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में उतारा था. जहां उन्होंने बड़ी जीत दर्ज की है. विधानसभा चुनाव के दौरान महिलाओं ने जिस तरह से बीजेपी को अपना समर्थन दिया है. वैसे में पार्टी सीएम की कुर्सी के लिए किसी महिला के नाम को आगे करके बड़ा सियासी संदेश दे सकती है.