नई दिल्ली: बिहार में जातीय जनगणना की रिपोर्ट सामने आने के बाद तमाम दलों के नेताएं की तरफ से प्रतिक्रियाएं सामने आ रही है. सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने बिहार सरकार की पीठ थपथपाते हुए बधाई दिया है. मौर्य मे ट्वीट करते हुए लिखा कि "जातिवार जनगणना समय से पूरा कराने के लिए बिहार सरकार को बधाई, नीति और नियत साफ हो तो हर कार्य संभव"
जातिवार जनगणना समय से पूरा कराने के लिए बिहार सरकार को बधाई, नीति और नियत साफ हो तो हर कार्य संभव।@NitishKumar
— Swami Prasad Maurya (@SwamiPMaurya) October 2, 2023
दरअसल बिहार सरकार के विकास आयुक्त विवेक सिंह की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार राज्य की कुल जनसंख्या 13.07 करोड़ से अधिक है. इस डेटा के अनुसार राज्य में पिछड़ा वर्ग 27.13 प्रतिशत, अत्यंत पिछड़ा वर्ग 36.01 प्रतिशत और सामान्य वर्ग 15.52 प्रतिशत है.
बिहार में हिंदू समुदाय की आबादी 81.9%, मुस्लिम की आबादी 17.7%, ईसाई 0.05%, सिख- 0.01%, बौद्ध 0.08%, जैन 0.0096% और अन्य धर्म के लोगों की आबादी 0.12% है. बिहार की कुल 13 करोड़ से ज्यादा की आबादी में 10.07 करोड़ हिंदू और मुस्लिम की आबादी 2.31 करोड़ है. यादवों की तादाद 14 फीसदी है. पिछड़ा वर्ग की आबादी 27 फीसदी है. अत्यंत पिछड़ा वर्ग की आबादी 36 फीसदी है. ब्राम्हाणों की आबादी 3.3 फीसदी है. कुर्मी की आबादी 2.87 फीसदी है.
जातीय जनगणना का रिपोर्ट सामने आने के बाद आने वाले दिनों में बिहार की सियासत में बड़ा उलटफेर देखने को मिलेगा. बिहार में जातीय जनगणना के आंकड़े सामने आने के बाद लालू, नीतीश कुमार जैसे नेता पिछड़ों, अतिपिछड़ों और दलितों की हिस्सेदारी बढ़ाने की मांग कर सकते हैं. इसके अलावा इन नेताओं की ओर से आरक्षण में बढ़ोत्तरी की डिमांड भी की जा सकती है. जिससे बिहार समेत देश की समाजिक और राजनीतिक मानचित्र पर इसका गहरा असर पड़ेगा.
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