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Haryana Politics: वो वजह जो खट्टर सरकार के लिए बनी काल, जानें क्यों पूरी कैबिनेट को देना पड़ा इस्तीफा

Haryana Politics: हरियाणा में आज नई सरकार का शपथ ग्रहण हो गया है. प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में नायब सिंह सैनी ने शपथ ली है. आइए जानते हैं कि खट्टर कैबिनेट के इस्तीफे की पीछे की क्या वजह रही है.

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Edited By: India Daily Live
manohar lal

Haryana Politics: हरियाणा की राजनीति में सोमवार को उस समय बड़ा उठापटक देखने को मिला जब मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर समेत कैबिनेट के तमाम मंत्रियों  ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. एक साथ प्रदेश के मुख्यमंत्री समेत पूरी कैबिनेट के इस्तीफे के बाद सियासी गलियारों में इस बात को लेकर चर्चा हो रही है कि आखिर ऐसा क्या हुआ कि पूरी कैबिनेट को ही इस्तीफा देना पड़ा.

राजनीति को करीब से देखने वालों की मानें तो खट्टर सरकार के कार्यकाल में कुछ ऐसी कमियां रही है जिन्हें विपक्ष आगामी लोकसभा चुनाव में मुद्दा बनाकर वोटर्स को अपने पक्ष में और बीजेपी के खिलाफ कर सकती है. इस सब के बीच हरियाणा में बड़ा फेरबदल होने के बाद लोगों में यह संदेश जा सकती है कि बीजेपी हाईकमान अपने नेताओं के खिलाफ भी कार्रवाई करती है. जानकारों की मानें तो राज्य में नेतृत्व बदलने के बाद आगामी चुनाव में स्थिति बीजेपी के लिए और बेहतर हो सकती है.  

कैबिनेट में अंदरूनी कलह

हरियाणा में हुए इस उठापटक में मनोहर कैबिनेट में अंदरुनी कलह भी एक बड़ी वजह मानी जा रही है. जानकारी के अनुसार मनोहर कैबिनेट में शामिल नेताओं के बीच सब ठीक नहीं चल रही था. इसका उदाहरण आज सुबह विधायक दल की बैठक में भी देखने को मिला है. बैठक में जब नायब सिंह सैनी को विधायक दल का नया नेता चुना गया तो अनिल विज बैठक से बाहर आ गए और वह शपथ ग्रहण समारोह में भी उपस्थित नहीं रहे. बता दें कि इससे पहले भी कई बार अनिल विज और मनोहर लाल के बीच खींचतान देखने को मिला था.  

जाटों की नाराजगी

हरियाणा में INLD की पहचान जाटों की पार्टी के रूप में है. बीजेपी की कोशिश शुरू से ही जाट वोटर्स को साधने की रही है. इसी कड़ी में बीजेपी ने पहली बार मनोहर लाल खट्टर को मुख्यमंत्री बनाया था, जो गैर जाट और गैर पंजाबी हैं. बीजेपी के इस फैसले के बाद हरियाणा का जाट वोटर काफी नाराज हुआ था. ऐसे में कहा जा रहा है कि सीएम पद से मनोहर लाल के इस्तीफे के बाद जाट वोटरों की नाराजगी कम हो सकती है.