एमपीसी बैठक शुरू, रेपो रेट में राहत की उम्मीद नहीं...RBI गवर्नर इस पर करेंगे विचार
आज से तीन दिवसीय मौद्रिक नीति बैठक शुरू हो गई है. भारतीय बाजार में भी सभी की नजरें एमपीसी की इस मीटिंग पर टिकी हुई है. क्योंकि केंद्रीय बैंक ने पिछली नौ लगातार बैठकों से रेपो दर को अपरिवर्तित रखा है.
भारतीय रिजर्व बैंक सोमवार यानी आज अपनी तीन दिवसीय मौद्रिक नीति बैठक शुरू हो गई है. यह बैठक 7 अक्टूबर से 9 अक्टूबर तक चलेगी. बाजार में भी सभी की नजरें एमपीसी की मीटिंग पर टिकी है. क्योंकि केंद्रीय बैंक ने पिछली नौ लगातार बैठकों से रेपो दर को अपरिवर्तित रखा है.
वहीं आज से शुरू होने वाली इस मौद्रिक नीति समिति की बैठक में रेपो रेट को लेकर किसी तरह की कटौती की उम्मीद नहीं है. इसकी बड़ी वजह यह है कि खुदरा मुद्रास्फीति अभी भी चिंता का विषय है और पश्चिम एशिया में हालात और बिगड़ने की संभावना जताई जा रही है.
तीन दिवसीय मौद्रिक नीति बैठक आज से शुरू
वहीं पश्चिम एशिया में तनाव के कारण वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों जैसे बाह्य कारक आरबीआई को अपने वर्तमान रुख पर पुनर्विचार करने के लिए बाध्य कर सकते हैं. दरअसल यह बैठक ऐसे समय में हो रही है जब अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने लगातार आठ बैंकों की ब्याज दरें स्थिर रखने के बाद अपनी समीक्षा बैठक में ब्याज दरों में 50 आधार अंकों की भारी कटौती की घोषणा की है.
इन बातों पर विचार करने की उम्मीद
इसके अलावा RBI गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता वाली मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) से मुद्रास्फीति के रुझान, वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं और घरेलू विकास की संभावनाओं जैसे मुख्य बातों पर विचार करने की उम्मीद है.
मुद्रास्फीति एक चुनौती बनी
बता दें कि यह तब हो रहा है जब मुद्रास्फीति एक चुनौती बनी हुई है, खासकर खाद्य और ईंधन की कीमतों में, जिसमें इस साल की शुरुआत में उछाल देखा गया था. वहीं इस मौद्रिक नीति समिति में तीन नए सदस्यों की नियुक्ति की गई है. एमपीसी में आरबीआई के तीन सदस्य और केंद्र सरकार द्वार नियुक्त तीन बाहरी सदस्य शामिल हैं.