Ravindra Waikar: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे गुट के सांसद रवींद्र वायकर के खिलाफ जागेश्वरी प्लॉट घोटाला मामले में चल रही जांच की क्लोजर रिपोर्ट दाखिल कर दी गई है. क्लोजर रिपोर्ट में मुंबई पुलिस ने नवनिर्वाचित सांसद के खिलाफ सभी आरोपों को वापस लेते हुए उन्हें क्लीन चिट दी और कहा कि BMC ने गलतफहमी के कारण उनके खिलाफ मामला दर्ज किया था.
जोगेश्वरी प्लॉट घोटाला मामले में रवींद्र वायकर, पत्नी मनीषा और वायकर के पार्टनर आसु नेहलानी, राज लालचंदानी, पृथपाल बिंद्रा और आर्किटेक्ट अरुण दुबे के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया गया था. भाजपा नेता किरीट सोमैया ने वायकर पर महा विकास अघाड़ी सरकार के दौरान सार्वजनिक उपयोग के लिए आरक्षित भूमि पर फाइव स्टार होटल बनाकर 500 करोड़ का घोटाला करने का आरोप लगाया था. नगर निगम अभियंता संतोष मंडावकर की शिकायत पर आजाद मैदान पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि इस हेराफेरी के कारण नगर पालिका के रेवेन्यू को नुकसान हुआ.
लोकसभा चुनाव से ठीक पहले रवींद्र वायकर एकनाथ शिंदे गुट वाले शिवसेना में शामिल हुए थे. पार्टी ने उन्हें मुंबई की उत्तर पश्चिम लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया था, जहां से रवींद्र वायकर ने 48 वोटों के मामूली अंतर से जीत हासिल की. उनके खिलाफ चल रहे मामले को बंद करने का कारण बताते हुए EOW ने कहा कि बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) की ओर से दायर की गई शिकायत की जांच बंद कर दी गई.
एक सीनियर पुलिस अधिकारी ने कहा कि गुरुवार को अदालत में क्लोजर रिपोर्ट पेश की गई. हम अपनी रिपोर्ट पर आगे के निर्देश का इंतजार कर रहे हैं. अदालत में दाखिल सी-समरी रिपोर्ट में जांचकर्ताओं ने कहा कि बीएमसी की ओर से दाखिल की गई शिकायत ‘अधूरी जानकारी और गलतफहमी’ पर आधारित थी. सी-समरी रिपोर्ट उन मामलों में दाखिल की जाती है, जहां एफआईआर तथ्य की गलती पर आधारित पाई जाती है.
एक अधिकारी ने कहा कि शिकायतकर्ता अधिकारियों और आरोपी पक्षों के बयान दर्ज करने और बीएमसी के दस्तावेजों की जांच करने के बाद, ऐसा प्रतीत होता है कि वायकर और अन्य आरोपियों की ओर से होटल के निर्माण की अनुमति प्राप्त करने का मामला आपराधिक प्रकृति का नहीं है, बल्कि ये एक प्रशासनिक शिकायत है. उन्होंने आगे कहा कि ये अभी भी स्पष्ट नहीं है कि मामले में आरोपी लोगों को कोई लाभ मिला है या नहीं.
मामला शुरू में आजाद मैदान पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया था, जिसके बाद जांच आर्थिक अपराध शाखा को सौंप दी गई थी. FIR के अनुसार, वायकर ने जोगेश्वरी में एक प्लॉट पर खेल सुविधा चलाने की अनुमति प्राप्त करने के बाद बीएमसी के साथ एक कॉन्ट्रैक्ट किया था. महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार के सत्ता में रहने के दौरान ये अनुमति दी गई थी. 2023 की शुरुआत में, उन्हें एक सार्वजनिक उद्यान के लिए आरक्षित भूमि का उपयोग होटल बनाने के लिए करने के लिए एक नोटिस जारी किया गया था. नगर निगम ने वायकर पर होटल निर्माण की अनुमति मांगते समय सार्वजनिक स्थान के लिए आरक्षित भूखंड के बारे में जानकारी छिपाने का भी आरोप लगाया था.
भाजपा नेता किरीट सोमैया ने दावा किया था कि यह घोटाला 500 करोड़ रुपये से अधिक का है. उन्होंने आरोप लगाया था कि वायकर ने अपने राजनीतिक प्रभाव का इस्तेमाल करके एक बगीचे के लिए आरक्षित प्लॉट पर फाइव स्टार होटल के निर्माण के लिए धोखाधड़ी से मंजूरी प्राप्त की और बीएमसी को भारी नुकसान पहुंचाया. इस साल की शुरुआत में, सोमैया ने भी ट्वीट किया था और लिखा था कि सीएम उद्धव ठाकरे ने जुलाई 2021 में जोगेश्वरी में बीएमसी आरक्षित खेल के मैदान पर 2 लाख वर्ग फुट के 5 स्टार होटल के लिए अवैध अनुमति दी थी.
अक्टूबर 2023 में, प्रवर्तन निदेशालय ने ईओडब्ल्यू की एफआईआर के आधार पर धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत मामला दर्ज किया. इसके बाद जनवरी में, एजेंसी ने वायकर के आवास और मामले में नॉमिनेटेड अन्य आरोपियों के परिसरों समेत 7 स्थानों पर छापे मारे थे. जांच के दौरान, मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा और प्रवर्तन निदेशालय दोनों ने उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया था.
10 मार्च को शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के करीबी माने जाने वाले वायकर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना में शामिल हो गए. इससे ठीक पहले बीएमसी की ओर से फरवरी के आखिरी सप्ताह में सुप्रीम कोर्ट को जानकारी दी गई थी कि फाइव स्टार होटल के निर्माण की अनुमति रद्द करने के फैसले पर पुनर्विचार किया जा रहा है. जून 2023 में बीएमसी ने एक आदेश जारी किया गया, जिसमें कहा गया कि जोगेश्वरी में पांच सितारा होटल बनाने के लिए वायकर को दी गई अनुमति रद्द की जा रही है.
दिलचस्प बात ये है कि लोकसभा चुनाव के बीच में वायकर ने कहा था कि मैं पहले से ही दबाव में था, लेकिन यह तब और बढ़ गया जब मेरी पत्नी का नाम भी (कानूनी मामले में) उलझा दिया गया... तब आपके पास पाला बदलने के अलावा कोई विकल्प नहीं था. नियति ने जो स्थिति मेरे साथ लाई, वह किसी और के साथ नहीं होनी चाहिए. इसके बाद वायकर ने लोकसभा चुनाव में मुंबई उत्तर पश्चिम सीट से चुनाव लड़ा और सेना यूबीटी के अमोल कीर्तिकर को 48 वोटों से हराया, जो देश भर में सबसे कम जीत का अंतर था.