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Ravindra Singh Bhati की हो रही देश भर में चर्चा, जिसने भाजपा को घुटनों पर गिराया, जानें कैसा रहा राजनीतिक सफर

Ravindra Singh Bhati: राजस्थान विधानसभा चुनाव के आए परिणामों में सबसे बड़ा उलटफेर करने वाले रविंद्र सिंह भाटी की चर्चा खूब हो रही है.

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Edited By: Suraj Tiwari
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हाइलाइट्स

  • छात्र नेता के तौर पर शुरू की थी राजनीति
  • चौथे स्थान पर पहुंची भाजपा

Ravindra Singh Bhati: राजस्थान विधानसभा चुनाव के आए परिणामों में सबसे बड़ा उलटफेर करने वाले रविंद्र सिंह भाटी की चर्चा खूब हो रही है. भाटी ने बाड़मेर की शिव विधानसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में विजय पताका लहराया है.

छात्र नेता के तौर पर शुरू की थी राजनीति

जोधपुर की जयनारायण व्यास यूनिवर्सिटी (JNVU) से साल 2019 में छात्रसंघ अध्यक्ष के रूप में राजनीति की शुरुआत करने वाले रविंद्र सिंह भाटी ने इस विधानसभा चुनाव में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई है. छात्र संघ के चुनाव के समय वो अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) से टिकट मांग रहे थे. टिकट नहीं मिलने की स्थिति में भाटी ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर अध्यक्ष का चुनाव 1200 वोटों से जीता था. वो JNVU के 58 साल के इतिहास में पहले ऐसे अध्यक्ष बने जो निर्दलीय चुनाव जीते.
इस विधानसभा चुनाव के तुरंत पहले ही भाटी ने भाजपा ज्वाइन की, हालांकि उनके ज्वाइन करने के 9 दिन के बार ही शिव विधानसभा से भाजपा ने स्वरूप सिंह को प्रत्याशी घोषित कर दिया. जिसके बाद भाटी ने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर शिव विधानसभा से ताल ठोक दिया.

चौथे स्थान पर पहुंची भाजपा

राजस्थान की शिव विधानसभा पाकिस्तान से सटी हुई है. राजपूर समाज से आने वाले रविंद्र सिंह भाटी के बहुत से रिश्तेदार पाकिस्तान में भी रहते हैं. इसी लिए भाटी को लेकर पाकिस्तान में भी उनके जीत की दुआएं की जा रही थी.  

शिव विधानसभा से रविंद्र सिंह भाटी (79495) ने निर्दलीय फतेह खान (75545) को 3950 वोट से हराया. वहीं 55264 वोट पाकर तीसरे नंबर पर कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में अमीन खान रहे. जबकि भाजपा के स्वरूप सिंह महज 22820 वोट ही पा सके.

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