जमानत पर बाहर आया रेप का आरोपी और फिर...ओडिशा में दिल दहला देने वाली वारदात
ओडिशा के सुंदरगढ़ जिले में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां नाबालिग से रेप का आरोपी कुना किसन ने जमानत पर रिहा होने के बाद उसी पीड़िता की हत्या कर दी. हत्या के बाद उसने पीड़िता के शरीर के टुकड़े-टुकड़े कर उन्हें अलग-अलग स्थानों पर फेंक दिया.
ओडिशा के सुंदरगढ़ जिले में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां नाबालिग से रेप का आरोपी कुना किसन ने जमानत पर रिहा होने के बाद उसी पीड़िता की हत्या कर दी. हत्या के बाद उसने पीड़िता के शरीर के टुकड़े-टुकड़े कर उन्हें अलग-अलग स्थानों पर फेंक दिया.
गुमशुदगी से शुरू हुई जांच
यह मामला झारसुगुड़ा पुलिस स्टेशन में एक गुमशुदगी की रिपोर्ट के साथ शुरू हुआ. पश्चिम रेंज के पुलिस महानिरीक्षक (IGP) हिमांशु लाल ने बताया, "झारसुगुड़ा से लड़की के गायब होने की रिपोर्ट दर्ज हुई थी. उसकी तलाश के लिए सीसीटीवी फुटेज की जांच की गई, जिसमें आरोपी कुना किसन और लड़की को एक साथ देखा गया."
हत्या का षड्यंत्र और भयानक खुलासा
पुलिस के अनुसार, कुना किसन ने अपने खिलाफ चल रहे पॉक्सो एक्ट के मुकदमे से बचने के लिए इस घिनौने अपराध की साजिश रची. उसने झारसुगुड़ा से लड़की का अपहरण किया और राउरकेला में उसकी हत्या कर दी.
आरोपी ने पहले जांचकर्ताओं को गुमराह करने की कोशिश की और दावा किया कि उसने शव को ब्राह्मणी नदी में फेंक दिया. लेकिन बाद में उसने स्वीकार किया कि शरीर के हिस्सों को हनुमान बाटिका-तारकेरा डैम के पास कीचड़ भरे इलाके में भी फेंका था.
शव के टुकड़ों की बरामदगी
ओडिशा डिजास्टर रैपिड एक्शन फोर्स (ODRAF) और पुलिस ने शव के हिस्सों की खोज के दौरान लड़की की जैकेट और अन्य सुराग बरामद किए. शरीर के निचले अंग एक स्थान पर मिले, जबकि बाकी हिस्से, जिसमें धड़ भी शामिल था, ब्राह्मणी नदी के किनारे पॉलीथीन बैग में पाए गए.
कठोर सजा की मांग
आईजीपी हिमांशु लाल ने कहा, "आरोपी ने स्वीकार किया है कि उसने पॉक्सो एक्ट के तहत सजा से बचने के लिए हत्या की योजना बनाई. हम मामले को संवेदनशीलता से देख रहे हैं और स्पीडी ट्रायल के जरिए आरोपी को कठोरतम सजा दिलाने का प्रयास करेंगे." पुलिस ने आरोपी को घटनास्थल पर ले जाकर अपराध का पुनर्निर्माण करवाया और सभी आवश्यक सबूत जुटाए.
समाज को झकझोर देने वाला मामला
यह मामला न केवल एक भयावह अपराध को दर्शाता है बल्कि यह भी उजागर करता है कि जमानत पर रिहा हुए आरोपी किस तरह कानून का दुरुपयोग कर सकते हैं. इस घटना ने न्याय प्रणाली की चुनौतियों और सुरक्षा उपायों की गंभीरता पर बहस को जन्म दिया है.