बेंगलुरु ब्लास्ट का बंगाल कनेक्शन, BJP ने घेरा तो TMC ने दिया जवाब, 'वो इलाका तो शुभेंदु अधिकारी का...'
बेंगुलुर कैफे ब्लास्ट के दो मुख्य आरोपी पकड़े गए हैं. तृणमूल कांग्रेस ने दावा किया है कि दोनों आतंकी शुभेंदु अधिकारी के गढ़ से पकड़े गए हैं, वहीं बीजेपी ने कहा है कि ममता बनर्जी का राज्य आतंकियों के लिए सुरक्षित गढ़ है.
नेशनल इन्वेस्टगेशन एजेंसी (NIA) ने शुक्रवार को बेंगुलुरु के रामेश्वरम कैफे ब्लास्ट के मुख्य आरोपियों को धर दबोचा है. शुक्रवार को NIA ने दावा किया कि दोनों आरोपी इस ब्लास्ट के मास्टरमाइंड है. गिरफ्तार लोगों की पहचान मथीन ताहा और मुसव्विर हुसैन शाजिब के दौर पर हुई है. दोनों हमले के बाद मौके से फरार हो गए थे. दोनों आरोपी पश्चिम बंगाल से हैं और वहीं आकर छिपे थे. एनआईए की टीम ने दोनों को धर दबोचा है. अब इस पर जमकर सियासत हो रही है.
भारतीय जनता पार्टी ने कहा है कि पश्चिम बंगाल अब आतंकियों के लिए सुरक्षित गढ़ हो गया है. वहीं तृणमूल कांग्रेस ने दावा किया है कि जहां से दोनों पकड़े गए हैं, वह इलाका नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी का है. NIA ब्लास्ट पर ममता बनर्जी ने कहा कि आरोपियों को 2 घंटे में गिरफ्तार कर लिया गया है. क्या यूपी और गुजरात सुरक्षित हैं. हमारी पुलिस ने आरोपियों को पकड़ने में एनआईए की मदद की है.
BJP ने बंगाल को बताया आतंकियों के लिए स्वर्ग
BJP नेता अमित मालवीय ने कहा, 'NIA ने रामेश्वर कैफे ब्लास्ट के दो संदिग्धों को गिरफ्तार किया है. मुसव्विर हुसैन शाजिब और अब्दुल माथीन अहमद ताहा आरोपियों के नाम हैं. दोनों कोलकाता से हैं. दोनों ISIS से जुड़े हुए हैं, दोनों के कर्नाटक के शिवमोगा सेल से जुड़े थे. पश्चिम बंगाल ममता बनर्जी के राज में आतंकियों के लिए स्वर्ग बन गया है.'
कौन हैं पकड़े गए दोनों आरोपी?
मुसाविर हुसैन शाजिब वह आरोपी है जिसने कैफे में इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) रखा था. अब्दुल मथीन ताहा पर विस्फोट की योजना बनाने, उसे अंजाम देने का आरोप है. दोनों बेहद सधे तरीके से पुलिस को चकमा देते हुए मौके से फरार हुए थे. NIA का दावा है कि शुक्रवार सुबह कोलकाता के पास से दोनों को पकड़ा गया. दोनों अपनी पहचान गलत बताकर वहां छिपे हुए थे. NIA ने कहा है कि जांच टीम ने खुफिया एजेंसियों, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, कर्नाटक और केरल पुलिस की मदद से आरोपियों को पकड़ा है.
कैसे NIA ने आरोपियों को पकड़ा?
पश्चिम बंगाल में NIA की टीम कई दिनों से सक्रिय थी. जांच टीम आरोपियों के स्कूल और कॉलेज के दोस्तों से मुलाकात कर रही थी. NIA ने आतंकियों के परिचितों से पूछताछ की थी. जांच टीम को शुरुआती जानकारी यहीं से हासिल हुई. NIA की छानबीन जारी रही. जांच एजेंसी ने लोगों से कहा था कि सभी लोग आरोपियों को ढूंढने में मदद करें.
कब और कहां हुआ था ब्लास्ट?
बेंगलुरु के व्हाइटफील्ड, ITPL रोड पर 1 मार्च को रामेश्वरम कैफे में विस्फोट हुआ था. NIA ने दो हमलावरों की पहचान की थी. चिक्कमंगलुरु के रहने वाले मुजम्मिल शरीफ को पुलिस ने 26 मार्च को गिरफ्तार किया था. आरोप हैं कि इसी शख्स ने मुख्य आरोपी की मदद की थी. पुलिस ने उसे कई राउंड की पूछताछ की थी. फरार आरोपियों की तलाशी के लिए NIA की टीम कर्नाटक, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश में 18 जगहों पर रेड डाली थी.. इससे पहले 29 मार्च को NIA ने दोनों प्रमुख भगोड़ों पर 10-10 लाख का ईनाम घोषित किया था.