Rameshwaram Cafe Blast: बेंगलुरु के फेमस रामेश्वरम कैफे विस्फोट में 10 लोगों के घायल हुए हैं. इस घटना का चश्मदीद शख्स ने बताया कि वो मंजर भयावह था. लोगों के कपड़े फटे थे, नाक और कान से खून निकल रहे थे. हर जगह धुंआ ही धुंआ था. कैफे में ब्लास्ट के समय पटना के इंजीनियर कुमार अलंकृत भी वहां मौजूद थे. उन्होंने ने ही ब्लास्ट का पहला वीडियो शेयर किया था.
इस घटना की जानकारी देते हुए अलंकृत बताते हैं, मैं अपनी मां के कॉल के चलते बच गया. उन्होंने बताया कि मैंने अपना ऑर्डर लेने के लिए काउंटर पर खड़ा था, तभी मेरी मां का कॉल आ गया. मैं फूड काउंटर से 10-15 मीटर दूर चला गया और बात करने लगा. कुछ सेकेंड बाद ही तेज धमाका हुआ और चारों ओर धुंआ फैल गया. अलंकृत ने इस ब्लास्ट की भयावहता बताते हुए कहा कि इस तरह का खौफनाक मंजर उसने इससे पहले कभी नहीं देखा था.
अलंकृत रामेश्वरम कैफे की व्हाइटफील्ड ब्रांच में लंच करने गए थे. 24 साल के अलंकृत बेंगलुरु में सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं. अलंकृत का दावा है कि ब्लास्ट में 15 से ज्यादा लोगों को चोटें आईं. उन्होंने कई लोगों को जले हुए और उनके कानों से खून निकलते हुए भी देखा.
अलंकृत ने बताया कि में हमेशा रामेश्वरम कैफे में खाने जाता हूं. कल भी मैंने एक इडली और एक डोसा ऑर्डर किया था. इडली खाने के बाद मैं डोसा के काउंटर पर खड़ा था, तभी मां का कॉल आ गया. कैफे के अंदर बहुत शोर था, इसलिए मैं बाहर आ गया. मैं मां से बात कर ही रहा था कि तभी अचानक पीछे से जोरदार धमाके की आवाज सुनाई दी. वहां भगदड़ मच गया, लोग चिल्ला रहे थे. उन्होंने कहा कि लोगों के कपड़े फटे थे. एक व्यक्ति के सिर से खून बह रहा था. 80 साल की दो बुजुर्ग महिलाओं का खून बह रहा था.
अलंकृत ने कहा कि आज मैं अपनी मां की वजह से बच गया. अगर उनका कॉल नहीं आता तो मैं भी इस धमाका का शिकर बनता. इसलिए हम कहते हैं, मां भगवान की तरह होती है. बता दें कि बेंगलुरु कैफे ब्लास्ट के आरोपी की पहचान कर ली गई है. उसकी उम्र 28 से 30 साल बताई जा रही है. इस संबंध में एचएएल पुलिस स्टेशन में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम 1967 और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है.