कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता शशि थरूर द्वारा केरल के औद्योगिक क्षेत्र पर दिए गए बयान के बाद पार्टी के भीतर असंतोष की हवा है. हालांकि कांग्रेस की हाई कमान ने इस पर आधिकारिक रूप से कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन वरिष्ठ नेताओं के बयानों से पार्टी में असहमति स्पष्ट रूप से नजर आ रही है. जहां जयराम रमेश ने थरूर के विचारों से पार्टी को परे किया, वहीं के.सी. वेणुगोपाल ने खुलकर उनका विरोध किया.
जयराम रमेश का अप्रत्यक्ष संदेश
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा कि कांग्रेस ही एक ऐसी पार्टी है जहां "बोलने की पूरी आज़ादी और बोलने के बाद की आज़ादी" मिलती है. उन्होंने यह भी कहा कि व्यक्तिगत विचार हमेशा पार्टी के सामूहिक दृष्टिकोण को नहीं दर्शाते, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि थरूर के बयान पार्टी की आधिकारिक स्थिति से मेल नहीं खाते.
के.सी. वेणुगोपाल का थरूर के बयान का खंडन
कांग्रेस महासचिव के.सी. वेणुगोपाल ने सीधे तौर पर थरूर के बयान का खंडन करते हुए कहा कि केरल का औद्योगिक क्षेत्र गिरावट की ओर बढ़ रहा है. उन्होंने कोयर और मछली पालन जैसे महत्वपूर्ण उद्योगों की बदहाली को उजागर करते हुए कहा कि काजू उद्योग और केरल राज्य ड्रग्स एंड फार्मास्यूटिकल्स (KSDP) की स्थिति भी खराब हो रही है. वेणुगोपाल ने आरोप लगाया कि केरल सरकार ने थरूर के बयान का इस्तेमाल अपनी जिम्मेदारी से बचने के लिए किया है.
थरूर का लेख और कांग्रेस में फूट
यह विवाद शशि थरूर के एक लेख से उत्पन्न हुआ, जिसे शुक्रवार को एक अंग्रेजी समाचार पत्र में प्रकाशित किया गया था. अपने लेख में थरूर ने केरल के औद्योगिक क्षेत्र की सराहना की थी, और कहा था कि कम्युनिस्ट पार्टी के नेतृत्व में सरकार बहुत अच्छे परिणाम हासिल कर रही है, खासकर उद्यमिता विकास और सतत विकास में.
राजनीतिक मतभेद और कांग्रेस का रुख
शशि थरूर के इस बयान के बाद कांग्रेस में फूट देखी गई है. जहां सतीषन और अन्य राज्य कांग्रेस नेता जैसे रमेश चेन्निथला ने सरकार की आलोचना की, वहीं कांग्रेस नेता के. मुरलीधरन ने कहा कि थरूर के विचार कांग्रेस के रुख से मेल नहीं खाते. मुरलीधरन ने टिप्पणी की शशि "थरूर ने जो कहा, वह केरल में कांग्रेस का रुख नहीं है.