जम्मू-कश्मीर के रामबन जिले में रविवार (20 अप्रैल 2025) को भारी बारिश और बादल फटने के कारण हुए भूस्खलन में कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई, जिनमें दो बच्चे शामिल हैं. इस प्राकृतिक आपदा ने रामबन के कई क्षेत्रों में अचानक बाढ़ और भूस्खलन को ट्रिगर किया. भारी बारिश के बीच सोमवार (21 अप्रैल) को जिले के सभी स्कूल और सरकारी संस्थान बंद रखने का फैसला लिया गया है.
रामबन और श्रीनगर में स्कूल बंद
वहीं, शिक्षा मंत्री सकीना इतू ने कहा, "लगातार गंभीर मौसम और पूर्वानुमान को देखते हुए, घाटी के सभी स्कूलों में 21 अप्रैल को कक्षाएं निलंबित रहेंगी. यह निर्णय छात्रों की सुरक्षा और कल्याण के लिए लिया गया है."
जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग अवरुद्ध
भारी बारिश के कारण रणनीतिक जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-44) पर नशरी और बनिहाल के बीच कई स्थानों पर भूस्खलन और मिट्टी के ढेर जमा होने से यातायात पूरी तरह ठप हो गया. रामबन के डीसी बसीर-उल-हक चौधरी ने कहा, "हमने पहले ही भारी बारिश की चेतावनी जारी की थी. भारी बारिश ने अचानक बाढ़ और भूस्खलन को जन्म दिया, जिससे राष्ट्रीय राजमार्ग बंद हो गया. रामबन में कई घर क्षतिग्रस्त हुए हैं, लेकिन कोई अतिरिक्त मौत की सूचना नहीं है. दादम में हमने समय पर लोगों को बचाया और उन्हें स्थानीय पुलिस स्टेशन और स्कूल में स्थानांतरित किया. करीब 45 घर क्षतिग्रस्त हुए, लेकिन कोई जनहानि नहीं हुई. दुर्भाग्यवश, सेरी में घर ढहने से तीन लोगों की मौत हो गई."
बचाव और राहत कार्य जारी
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने एक्स पर पोस्ट में कहा, "रामबन में भूस्खलन और बाढ़ से हुए नुकसान से अत्यंत दुखी हूं. मेरी संवेदनाएं प्रभावित परिवारों के साथ हैं. हम स्थानीय प्रशासन के संपर्क में हैं ताकि जहां जरूरत हो, तत्काल बचाव कार्य सुनिश्चित किए जाएं."
उपमुख्यमंत्री सुरिंदर चौधरी ने स्थिति का जायजा लेने के लिए रामबन का दौरा किया. प्रशासन ने लोगों से मौसम सुधरने और सड़कें साफ होने तक राजमार्ग पर यात्रा से बचने की अपील की है.
महबूबा मुफ्ती ने जताई चिंता
पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कहा, "रामबन में भूस्खलन और बाढ़ ने जिंदगियां छीनीं, वाहनों को दबा दिया और कई लोगों को फंसा दिया. प्रशासन से अनुरोध है कि बुजुर्गों, महिलाओं और बच्चों को तुरंत सुरक्षित स्थान पर ले जाएं और भोजन, पानी व चिकित्सा सहायता प्रदान करें."