Katipally Venkata Ramana Reddy: पांच राज्यों के हुए विधान सभा चुनाव में 03 दिसंबर को राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और तेलंगाना विधानसभा चुनाव के नतीजे ने कई तहर की उलट फेर हुए, लेकिन सबसे बड़ा उलटफेर तेलंगाना की सबसे हाई प्रोफाइल कामारेड्डी सीट पर देखने पर देखने को मिली है.
कामारेड्डी विधानसभा सीट इस वजह से सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण इसलिए था क्योंकि इसी सीट से तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव और तेलंगाना कांग्रेस के अध्यक्ष रेवंत रेड्डी के बीच था. इस दोनों के बीच कड़ा मुकाबला माना जा रहा था, लेकिन इस सीट से एक ऐसा अप्रत्याशित खेल हुआ कि प्रदेश में अपनी जमीन तलाश रही बीजेपी के प्रत्याशी केवी रमण रेड्डी दोनों को हराकर तेलंगाना के सबसे बड़े विजेता बने.
कौन हैं रमण रेड्डी
कटिपल्ली वेंकट रमण रेड्डी ने अपने सियासी सफर की शुरुआत कांग्रेस से हुई. उन्होंने साल 2004 में निजामाबाद जिले के मंडल परिषद का चुनाव जीता. जिसके बाद वो आगे चलकर जिला परिषद के अध्यक्ष भी बने. जिसके बाद वो बीआरएस (भारत राष्ट्र समिति) के सहारे अपनी राजनीति को आगे बढ़ाया. पिछले विधानसभा चुनाव से ठीक पहले रमण रेड्डी बीआरएस छोड़ भाजपा में शामिल हो गए और कामारेड्डी विधानसभा सीट से 2018 का चुनाव लड़ा. इस चुनाव में भाजपा प्रत्याशी के तौर पर उनकी करारी हार हुई और वो 3 स्थार पर रहे. हालांकि उन्होंने अपनी हार के बाद से पूरे विधानसभा चुनाव में समर्थन जुटाना शुरू किया. गांव-गांव जाकर लोगों से मिल जुलकर उनका काम करने लगे. लोगों के स्थानिय मुद्दे को ही रमण रेड्डी ने ऐसा हथियार बनाया कि प्रदेश के मुख्यमंत्री को ही चुनाव में हरा दिया.
कामारेड्डी से जीतकर पहली बार विधानसभा पहुंचने वाले 53 वर्षीय रमण रेड्डी 12वीं तक पढ़े हैं. उन्होंने अपने चुनावी हल्फनामें में अपनी कुल संपत्ति 49 करोड़ की बताई. उनके खिलाफ 11 मुकदमें भी दर्ज हैं.
तीसरे नंबर पर पहुंचे आगामी मुख्यमंत्री
कामारेड्डी विधानसभा सीट से विजय पताका लहराने वाले रमण रेड्डी ने भाजपा प्रत्याशी के तौर जीत हासिल की है. उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव को 6741 वोटों से हराया है. जहां रमण रेड्डी को 66652 वोट मिले वहीं केसीआर को 59911 वोट मिले. जबकि तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रेवंत रेड्डी 54916 वोट पाकर तीसरे स्थान पर रहे. हालांकि केसीआर और रेवंत रेड्डी दो विधानसभा से चुनाव लडे़ थे. जहां केसीआर ने गजवेल विधानसभा से चुनाव जीत गए हैं. लेकिन उनकी पार्टी बीआरएस महज 39 सीट ही जीत पाई. वहीं रेवंत रेड्डी ने कोडांगल सीट से जीत दर्ज की है. कांग्रेस ने रेवंत रेड्डी के नेतृत्व में तेलंगाना में चुनाव लड़ा था. जिनके दम पर पार्टी ने पूर्ण बहुमत के साथ 64 सीट जीतने में कामयाब रही है. माना जा रहा है कि कांग्रेस की इस जीत के लिए रेवंत रेड्डी को मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है.
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