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India Daily

Ram Mandir: राम भगवान को अपना जीजा मानता है यह लड़का, दिल्ली से अयोध्या साइकिल से कर रहा है यात्रा

Ram Mandir: अयोध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा को लेकर देश भर में जश्न का माहौल है. इसी बीच आज हमारी मुलाकात 20 साल के एक लड़के से हुई जो खुद को भगवान राम का साला मानता है. आईए जानते हैं क्या है पूरी कहानी.

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Edited By: Purushottam Kumar
Ayodhya Story

हाइलाइट्स

  • अयोध्या में 22 जनवरी को भगवान राम का प्राण प्रतिष्ठा
  • भार लेकर साइकिल से अयोध्या जा रहा है राजन

आदित्य कुमार/नोएडा: आगामी 22 जनवरी को राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के बाद भगवान राम की मूर्ति स्थापित होनी है. इस खुशी में पूरा देश झूम रहा है है. ऐसे में 20 साल का लड़का भगवान राम के जन्मस्थली तक साइकिल से यात्रा कर रहा है. खुद को वो भगवान राम का साला मानता है. हम आपको मिलवाते हैं राम भगवान को बहनोई (जीजा) और सीता को बहन कहने वाले राजन मिथिला से.

क्यों मानता है राम भगवान को अपना जीजा

मूलतः बिहार के मधुबनी के रहने वाले राजन मिथिला सोलो ट्रैवलर हैं. रामायण के अनुसार भगवान राम की शादी मिथिलांचल (कुछ क्षेत्र नेपाल का और भारत का सीमांचल क्षेत्र) में हुई थी. इस कारण ही भगवान राम को राजन जीजा और माता सीता को बहन मानता है. राजन मिथिला के अनुसार भगवान राम की शादी हमारे मिथिला में हुई थी. हम उन्हें ठाकुर जी कहते हैं, वो हमारे पाहून हैं. सालों के इंतजार के बाद हमारे पाहून और मेरी बहन अपने घर वापस आ रही है इसलिए हम इस क्षण को यादगार बनाना चाहते हैं.
 

भार लेकर साइकिल से जा रहा अयोध्या

राजन दिल्ली से अयोध्या लगभग 700 किलोमीटर साइकिल से यात्रा कर रहे हैं. दस जनवरी को वो दिल्ली, नोएडा, गढ़मुक्तेश्वर के रास्ते अयोध्या पहुंचेंगे.  राजन मिथिला बताते हैं कि मैं दस जनवरी से यात्रा शुरू कर चुका हूं. एक दिन में 80 किलोमीटर की यात्रा करूंगा और जहां भी मंदिर, मठ, गुरुद्वारा इत्यादि मिलता है वहां रात बिताऊंगा. वो बताते हैं कि मैं सोलो ट्रेवलर हूं. इससे पहले मैं पैदल यात्रा कर चुका हूं, अभी अयोध्या मैं अपनी बहन सीता के लिए भार लेकर जा रहा हूं. वो बताते हैं कि मिथिला में जब कोई भाई अपने बहन के घर जाता है तो कोई गिफ्ट लेकर जाता है, उसी को भार कहते हैं.

राम भक्तों से मिल रही है मदद

राजन कहते हैं कि 8 से दस दिन का समय अयोध्या तक जाने में लगेगा, इस बीच लोगों से मदद मांग कर ही रास्ता तय करूंगा. साईकल भी किसी साथी ने दिया है, टेंट से लेकर स्लीपिंग बैग तक किसी ने मदद की है. भगवान राम को मैं जीजा मानता हूं तो उनके लिए पान लेकर जा रहा हूं.