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India Daily

'ये ऐतिहासिक क्षण... हमारी विकास यात्रा को नई ऊंचाई पर ले जाएगा' रामलला प्राण प्रतिष्ठा से पहले क्या बोले PM मोदी

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अयोध्या में राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा की पूर्व संध्या पर पीएम मोदी को पत्र लिखा. पत्र में उन्होंने रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर पीएम मोदी को धन्यवाद दिया और कहा कि ये हमारा सौभाग्य है कि राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठान देखने का मौका मिला है. राष्ट्रपति मुर्मू के पत्र के जवाब में पीएम मोदी ने कहा कि ये एतिहासिक क्षण है...

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Edited By: Om Pratap
Ram Lalla Virajman live updates pm modi Ayodhya Dham

Ram Lalla Virajman live updates pm modi Ayodhya Dham: अयोध्या धाम में भव्य राम मंदिर के उद्घाटन और मंदिर के गर्भगृह में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से चंद घंटे पहले पीएम मोदी की प्रतिक्रिया सामने आई. पीएम मोदी ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि ये ऐतिहासिक क्षण है. मुझे विश्वास है कि ये क्षण, भारतीय विरासत एवं संस्कृति को और समृद्ध करने के साथ ही हमारी विकास यात्रा को नए उत्कर्ष यानी नई ऊंचाई पर ले जाएगा.

दरअसल, रविवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पीएम मोदी को एक चिट्ठी लिखी थी, जिसमें उन्होंने अयोध्या में होने वाले राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा को लेकर पीएम मोदी को धन्यवाद करते हुए कहा कि सौभाग्य से राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठान देखने का मौका मिला है. राष्ट्रपति मुर्मू के पत्र के जवाब में पीएम मोदी ने एक्स पोस्ट पर लिखा- राम लला की प्राण-प्रतिष्ठा के पावन अवसर पर शुभकामनाओं के लिए आपका बहुत-बहुत आभार. मुझे विश्वास है कि यह ऐतिहासिक क्षण भारतीय विरासत एवं संस्कृति को और समृद्ध करने के साथ ही हमारी विकास यात्रा को नए उत्कर्ष पर ले जाएगा.

राष्ट्रपति मुर्मू ने पत्र में क्या लिखा था?

राष्ट्रपति मुर्मू ने पत्र में लिखा- अयोध्या धाम में नए मंदिर में प्रभु श्री राम की जन्म-स्थली पर स्थापित मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के लिए आप विधिवत तपश्चर्या कर रहे हैं. इस अवसर पर, मेरा ध्यान इस महत्वपूर्ण तथ्य पर है कि उस पावन परिसर में, आपके द्वारा सम्पन्न की जाने वाली अर्चना से हमारी अद्वितीय सभ्यतागत यात्रा का एक ऐतिहासिक चरण पूरा होगा.

राष्ट्रपति ने आगे लिखा कि आपके द्वारा किया गया 11 दिवसीय कठिन अनुष्ठान, पवित्र धार्मिक पद्धतियों का अनुसरण मात्र नहीं है बल्कि त्याग की भावना से प्रेरित सर्वोच्च आध्यात्मिक कृत्य है और प्रभु श्री राम के प्रति सम्पूर्ण समर्पण का आदर्श है. आपकी अयोध्या धाम की यात्रा के इस पावन अवसर पर मैं आपको अपनी हार्दिक शुभकामनाएं प्रेषित करती हूं.

'नए काल-चक्र के शुभारम्भ के साक्षी बन रहे हैं'

राष्ट्रपति ने लिखा- अयोध्या धाम में प्रभु श्री राम के भव्य मंदिर के उद्घाटन से जुड़े देशव्यापी उत्सवों के वातावरण में भारत की चिरंतन आत्मा की उन्मुक्त अभिव्यक्ति दिखाई देती है. यह हम सभी का सौभाग्य है कि हम सब अपने राष्ट्र के पुनरुत्थान के एक नए काल-चक्र के शुभारम्भ के साक्षी बन रहे हैं. प्रभु श्री राम द्वारा साहस, करुणा और अटूट कर्तव्यनिष्ठा जैसे जिन सार्वभौमिक मूल्यों की प्रतिष्ठा की गई थी उन्हें इस भव्य मंदिर के माध्यम से जन-जन तक पहुंचाया जा सकेगा.

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राष्ट्रपति बोली- राम कथा के आदर्शों से प्रेरणा 

द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि प्रभु श्री राम हमारी सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत के सर्वोत्तम आयामों के प्रतीक हैं. वे बुराई के विरुद्ध निरंतर युद्धरत अच्छाई का आदर्श प्रस्तुत करते हैं. हमारे राष्ट्रीय इतिहास के अनेक अध्याय, प्रभु श्री राम के जीवन-चरित और सिद्धांतों से प्रभावित रहे हैं तथा राम-कथा के आदर्शों से राष्ट्र-निर्माताओं को प्रेरणा मिली है.

'सत्य को राम के नाम से पहचानते थे गांधी'

राष्ट्रपति ने अपने पत्र में आगे लिखा कि गांधीजी ने बचपन से ही रामनाम का आश्रय लिया और उनकी अंतिम सांस तक रामनाम उनकी जिह्वा पर रहा. गांधी जी ने कहा था 'यद्यपि मेरी बुद्धि और हृदय ने, बहुत पहले ही, ईश्वर के सर्वोच्च गुण और नाम को, सत्य के रूप में अनुभव कर लिया था, मैं सत्य को राम के नाम से ही पहचानता हूं. मेरी अग्नि परीक्षा के सबसे कठिन दौर में राम का नाम ही मेरा रक्षक रहा है और अब भी वह नाम ही मेरी रक्षा कर रहा है'. लोगों की सामाजिक पृष्ठभूमि से प्रभावित हुए बिना, भेद-भाव से मुक्त रहकर, हर किसी के साथ, प्रेम और सम्मान का व्यवहार करने के प्रभु श्री राम के आदर्शों का हमारे पथ- प्रदर्शक विचारकों की बौ‌द्धिक चेतना पर भी गहरा प्रभाव पड़ा है.

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जनकल्याण पर दिया गया ध्यान- राष्ट्रपति

राष्ट्रपति ने आगे लिखा कि न्याय और जन-कल्याण पर केन्द्रित प्रभु श्री राम की रीति का प्रभाव, हमारे देश के शासन संबंधी वर्तमान दृष्टिकोण पर भी दिखाई देता है. इसका उदाहरण, हाल ही में, आपके द्वारा, अति पिछड़े जन-जातीय समुदायों के कल्याण हेतु 'पीएम-जनमन' पहल के तहत, अनेक लाभकारी सहायताओं की पहली किस्त जारी करने में स्पष्ट दिखाई दिया. आपके द्वारा अपने सम्बोधन में माता शबरी का उल्लेख करने से एक हृदयस्पर्शी अनुभूति हुई. निश्चय ही, प्रभु श्री राम के मंदिर के साथ-साथ, जन-कल्याण कार्यों को देखकर माता शबरी को दोहरा संतोष प्राप्त होगा.

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'राम भारत-भूमि के सर्वोत्तम आयामों का प्रतीक'

प्रभु श्री राम, हमारी भारत-भूमि के सर्वोत्तम आयामों का प्रतीक हैं. वस्तुतः वे पूरी मानवता के सर्वोत्कृष्ट पक्षों के प्रतीक हैं. मेरी प्रार्थना है कि प्रभु श्री राम विश्व-समुदाय को सही मार्ग पर ले जाएं; वे सभी के जीवन में सुख और शांति का संचार करें. सियावर रामचन्द्र की जय !


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