आदित्य कुमार/नोएडा: 500 सालों के लंबे इंतजार के बाद रामलला अयोध्या में पधार रहे हैं जिसे लेकर देश भर में जश्न का माहौल है. देश के कोने कोने से अयोध्या लोग आ रहे हैं. 22 जनवरी को छुट्टी भी कर दी गई है लेकिन नोएडा के हॉस्पिटल में उस दिन किलकारियां गूंजेगी. एक तरफ जहां अयोध्या में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा सम्पन्न होगी वहीं दूसरी तरफ नोएडा के भंगेल स्थित अस्पताल में राम, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न और सीता का जन्म होगा. आखिर क्या है पूरा मामला हम आपको बताते हैं.
22 जनवरी 2024 को राम मंदिर में भगवान राम विराजमान होंगे. उससे पहले लोग भगवान के आगमन की तैयारियों में लगे हुए हैं. ऐसे में देश में एक नया ट्रेंड चल पड़ा है. सब भगवान राम की तरह दिखना चाहते हैं या उनकी तरह बनना चाहते हैं. ऐसे में गर्भवती महिलाओं में भी यह ट्रेंड देखने को मिल रहा है. वो भी चाहती है कि उनका बच्चा 22 जनवरी को ही जन्म ले इसलिए वो सिजेरियन का सहारा ले रही.
नोएडा के भंगेल स्थित सीएचसी में ऐसे छः परिवार है जो चाहता है कि उनका बच्चा 22 जनवरी को ही जन्म ले. आयुष नोएडा के रहने वाले हैं, उनकी पत्नी मां बनने वाली है, आयुष बताते हैं कि 22 जनवरी के आसपास हमारे बच्चे का जन्म होने की तारीख है. बच्चा चूकी सही स्थिति में नहीं है इसलिए हमने कहा कि 22 जनवरी को ही सिजेरियन किया जाए. क्योंकि भगवान राम उस दिन वापस आ रहे हैं. आयुष की पत्नी रीता बेहद खुश नजर आ रही थी, उनसे जब इस बारे में पूछा तो रीता कहती है कि मेरा एक बेटा है. इस बार अगर लड़का हुआ तो राम उसका नाम रखेंगे और लड़की हुई तो सीता रखेंगे. डॉक्टर को बोला है कि 12 बजे से लेकर एक बजे तक ही सिजेरियन किया जाए. क्योंकि उसी समय भगवान की पूजा होनी है.
ऋचा मिश्रा सुल्तानपुर की रहने वाली है. नोएडा में पति नौकरी करते हैं तो यहीं साथ में रहती है. वो भी अपने बच्चे का जन्म 22 जनवरी को चाहती है, ऋचा बताती है कि राम भगवान इतने सालों बाद वापस घर आ रहे हैं. ऐसे में हम बेहद खुश हैं. हम भगवान के आशीर्वाद से ही संतान सुख मिला है, हम चाहते हैं कि मेरे घर बेटी हो. 22 को ही हो, क्योंकि उस दिन अभिजीत मुहूर्त है और ज्योतिष के अनुसार यह योग बेहद खास होता है, तो मैं चाहती हूँ कि उस दिन मेरे घर बेटी हो और उसका नाम मैं भूमिजा रखना चाहती हूं.
सिजेरियन और उससे जुड़ी तकनीकी जानकारी के लिए हमने सीएचसी भंगेल की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर मीरा पाठक से बातचीत की डॉक्टर मीरा बताती है कि जब कोई गर्भवती महिला आती है तो हम उसका पहले पूरा चेकअप कराते हैं, उसके बाद रिपोर्ट के आधार पर तय करते हैं कि बच्चा नॉर्मल होगा या सिजेरियन करना होगा? डॉक्टर मीरा के अनुसार अगर नॉर्मल होना होता है तो नॉर्मल जन्म कराया जाता है. अगर कोई दिक्कत होती है तो सिजेरियन के लिए दिन तय करने के लिए बच्चों के माता पिता या गार्जियन से पूछा जाता है. इस बार हमारे पास कुल छह गर्भवती महिलाओं ने 22 जनवरी को ही सिजेरियन कराने का फैसला लिया है, तो हम उस दिन सिजेरियन करेंगे. डॉक्टर मीरा बताती है कि यह नॉर्मल प्रोसीजर हैं, जच्चा बच्चा दोनों सुरक्षित रहते हैं.