नई दिल्ली: रामलला के प्राण प्रतिष्ठा को लेकर तैयारियां अब अंतिम चरण में है. अयोध्या की घाटों, मंदिरों, चाक चौराहों के साज सज्जा का काम तेज हो चला है. राम मंदिर निर्माण कार्य के साथ-साथ रामपथ, भक्ति पथ और अयोध्या के पौराणिक स्थलों को नया रंग दिया जा रहा है. जब हम अयोध्या की महिमा की चर्चा करते है तो सरयू नदी के किनारे स्थित राम की पैड़ी घाट की अनुपम छटा हृदय को आनंद के भाव से भर जाती है. सरयू नदी की कल कल छल छल बहती गंगाधारा मानों भगवान राम का जलाभिषेक कर रही हों.
भगवान राम और राम की पैड़ी का अनूठा जुड़ाव है. ऐसे में आईए हम आपको इससे जुड़ी हुई ऐतिहासिक और धार्मिक मान्यताओं के बारे में बताते है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार सरयू नदी के किनारे स्थित राम की पैड़ी घाट पर स्नान करने से सभी पापों का शमन होता है. ऐसा कहा जाता है कि भगवान राम भी इसी पैड़ी पर स्नान करने आते थे और स्नान करने के बाद ब्राह्मणों को दान दिया करते थे. जिसके बाद रामभक्त रामलला का दर्शन-पूजन करने के साथ-साथ राम की पैड़ी पर स्नान करके रामत्व के भाव को आत्मसात करते है.
राम की पैड़ी को लेकर एक और पौराणिक कथा प्रचलन में है. कहा जाता है कि एक बार भगवान राम के भाई लक्ष्मण को तीर्थयात्रा पर जाने की इच्छा हुई. दोनों भाई जब सरयू नदी से होकर गुजर रहे थे तो भगवान राम ने अपने अुनज लक्ष्मण से कहा कि जो भी भक्त सूर्योदय से पहले सरयू नदी में पवित्र स्नान करेगा, उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाएंगी. सरयू का ये वही तट है जहां भगवान राम ने लक्ष्मण से बात कही थी. जिसके बाद इस तट को राम की पैड़ी के नाम से जाना जाता है. ऐसी मान्यता है कि जो भी व्यक्ति सूर्योदय से पहले सरयू में स्नान करता है तो उसे सभी तीर्थों में स्नान करने का फल प्राप्त होता है.
पवित्र सरयू नदी के किनारे के घाट पर बहता पानी श्रद्धालुओं और पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र होता है. बीते दिनों अयोध्या में राम की पैड़ी पर शुरू हुए दीपोत्सव को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति मिली थी. 2023 के दीपोत्सव के सातवें समारोह के दौरान राम की पैड़ी के 51 घाटों पर 24 लाख से ज्यादा दीये सजाए गए हैं. अयोध्या में दीपोत्सव का यह कार्यक्रम गिनीज बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज हो गया. ये विश्व में सबसे ज्यादा मिट्टी के दीये जलाने का विश्व कीर्तिमान है.