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पहले ही मिली थी राजीव गांधी की हत्या की चेतावनी, फिर रिकॉर्ड से गायब हो गए सबूत!

Rajiv Gandhi assassination: 1991 में तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या एक दुखद घटना थी, जिसने भारत को हिलाकर रख दिया था. अब, एक सुरक्षा विशेषज्ञ का दावा है कि इस हत्या की आशंका पहले से ही थी, और इजराइल ने भारत को इस बारे में चेतावनी दी थी.

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Rajiv Gandhi
Courtesy: Insta- rememberingrajiv

Rajiv Gandhi assassination: एक सुरक्षा विशेषज्ञ ने दावा किया है कि इजराइल ने 1991 में तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या से पहले भारत को संभावित खतरे के बारे में जानकारी दी थी. यह खुफिया जानकारी, जिसे बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है, हत्या के बाद गायब हो गई.

नमित वर्मा, एक अनुभवी सुरक्षा विशेषज्ञ, ने 'इंटेलिजेंस कोऑपरेशन एंड सिक्योरिटी चैलेंजेज इन द इमर्जिंग वर्ल्ड ऑर्डर' विषय पर एक चर्चा में यह खुलासा किया. यह चर्चा यूनाइटेड सर्विसेज इंस्टीट्यूट ऑफ न्यू दिल्ली (USIN) द्वारा आयोजित की गई थी.

इजराइल से खुफिया जानकारी

वर्मा ने दावा किया कि इजराइल ने 1991 में राजीव गांधी पर संभावित खतरे के बारे में भारत को जानकारी दी थी. यह जानकारी बेहद महत्वपूर्ण थी, क्योंकि इसमें हत्या की योजना और संभावित हत्यारों के बारे में विवरण शामिल थे. हालांकि, दुर्भाग्यपूर्ण बात यह है कि यह महत्वपूर्ण खुफिया जानकारी हत्या के बाद गायब हो गई. वर्मा ने अनुमान लगाया कि यह जानकारी या तो गलत हाथों में चली गई या फिर इसे नष्ट कर दिया गया.

खुलासे के बाद राजनीतिक प्रभाव

इस घटना ने भारत और इजराइल के बीच खुफिया साझाकरण पर सवालिया निशान खड़े कर दिए हैं. यह भी चिंताजनक है कि इतनी महत्वपूर्ण जानकारी कैसे गायब हो सकती है. वर्मा ने यह भी बताया कि ऐसी घटनाएं अक्सर तब होती हैं जब वैश्विक समीकरण बदलते हैं या मौजूदा व्यवस्था को चुनौती दी जाती है. उस समय, भारत एक महत्वपूर्ण देश था, और राजीव गांधी अमेरिका और सोवियत संघ के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी थे.

एक्सपर्ट्स ने आगे बताया कि इस प्रतिलेख में साफ कहा गया कि भुगतान किया गया था... एक 'गॉडमैन' ने भुगतान किया है... इससे अधिक साफ और क्या हो सकता है... बैकचैनल पर. ये सारी जानकारी बताई गई थी और हमारी खुफिया एजेंसियों को इसके बारे में पता है. उन्होंने सुरक्षा प्रदान करने के लिए कहा जो उस समय की सरकार ने नहीं किया.

पहले भी हो चुकी हैं ऐसी घटनाएं

इसी तरह की घटनाएं अतीत में भी हो चुकी हैं. उदाहरण के लिए, द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान, अमेरिका को जापान की ओर से पर्ल हार्बर पर हमले की योजना के बारे में जानकारी थी, लेकिन उन्होंने इसे अनदेखा कर दिया. परिणामस्वरूप, हमला हुआ और भारी जानमाल का नुकसान हुआ.

राजीव गांधी की हत्या की घटना खुफिया साझाकरण और राष्ट्रीय सुरक्षा के महत्व पर प्रकाश डालती है. देशों को खुफिया जानकारी साझा करते समय सावधानी बरतनी चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ऐसी जानकारी सुरक्षित हाथों में हो.

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