Rajasthan kidnapping Case: जयपुर के 17 साल के नाबालिग ने महंगे फोन, लैपटॉप खरीदने और ऑनलाइन जुआ खेलकर अमीर बनने के अपने सपने को पूरा करने के लिए अपने कारोबारी पिता से 40 लाख रुपये ऐंठने के लिए पांच दोस्तों के साथ मिलकर अपनी झूठी अपहरण की योजना बनाई. हालांकि, वे पुलिस की पड़ताल में पकड़े गए.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, 1 सितंबर को शाम को करीब 6.30 बजे नाबालिग किसी काम के बहाने घर से निकला था. जब एक घंटे बाद भी वह घर नहीं लौटा तो परिवार के लोगों ने उसे फोन किया लेकिन उसका मोबाइल फोन बंद मिला. उन्होंने उसे हर जगह तलाशा लेकिन उसका पता नहीं चल सका.
रात करीब 10 बजे लड़के के पिता को फोन आया और बताया गया कि उनके बेटे का अपहरण हो गया है. पुलिस कमिश्नर (साउथ) दिगंत आनंद ने बताया कि देर रात पिता मुहाना थाने पहुंचे और शिकायत दर्ज कराई. उन्होंने अपनी शिकायत में बताया कि अपहरणकर्ताओं ने अलग-अलग नंबरों से कई बार फोन किया और 40 लाख रुपए की फिरौती भी मांगी.
पिता ने अपनी शिकायत में आगे बताया कि अपहरणकर्ताओं ने धमकी दी कि अगर अगले दिन सुबह 11 बजे तक फिरौती नहीं दी गई तो वे बच्चे की उंगली काटकर उसके परिवार को भेज देंगे. उन्होंने यह भी धमकी दी कि अगर इसके बाद भी फिरौती नहीं दी गई तो वे बच्चे की हत्या कर देंगे और उसकी लाश फेंक देंगे.
मुहाना पुलिस स्टेशन के सब इंस्पेक्टर शंकर लाल ने बताया कि हमें रविवार देर रात एफआईआर मिली और हमने तुरंत एक टीम गठित करके जांच शुरू कर दी. तकनीकी निगरानी और 500 से अधिक कैमरों की सीसीटीवी फुटेज की मदद से हमें पता चला कि लड़का अपहरणकर्ताओं के साथ एक कार में टोंक की ओर गया था.
शंकर लाल ने बताया कि हम उनकी हरकतों का पता लगाने में कामयाब रहे और 2 सितंबर की शाम को जयपुर की ओर आ रही उनकी कार का पीछा किया. पुलिस को देखकर कार सवार डर गए और भागने में कामयाब हो गए. हमने मुहाना मंडी के पास लड़के को बरामद किया, जिसने बताया कि अपहरणकर्ता उसे वहीं छोड़कर भाग गए. हमने लड़के से पूछताछ की, जिसने डर के मारे सारी बातें बता दीं. फिर हमने फर्जी अपहरण में शामिल उसके पांच दोस्तों को हिरासत में लिया.
पुलिस ने बताया कि नाबालिग ने अपने दोस्तों को अपने कारोबार और आय का ब्यौरा बताया था, जिसके बाद उन्होंने अपहरण की योजना बनाई. उन्होंने यूट्यूब वीडियो देखकर अपहरण की योजना बनाई और इंटरनेट कॉल करना भी सीखा. हिरासत में लिए गए आरोपियों में दो नाबालिग हैं और चार वयस्क हैं. दो नाबालिगों को किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष पेश किया गया, जहां से उन्हें कड़ी चेतावनी देकर छोड़ दिया गया, जबकि अन्य चार को सांगानेर कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें जयपुर की सेंट्रल जेल भेज दिया गया.