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कर्नाटक के बाद राजस्थान में हिजाब विवाद; विधायक ने जताई आपत्ति, तो मंत्री बोले- बैन लगवाएंगे

जयपुर के आदर्श नगर से कांग्रेस विधायक रफीक खान ने कहा कि आचार्य सस्ती पब्लिसिटी और सुर्खियों में बने रहने के लिए ये सब कर रहे हैं. उन्हें समझना चाहिए कि वे किसी एक राजनीतिक दल के विधायक नहीं, बल्कि सभी जातियों, धर्म के विधायक हैं.

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Edited By: Om Pratap
BJP MLA Balmukund Acharya against hijab in school

हाइलाइट्स

  • भाजपा विधायक की आपत्ति के बाद मुस्लिम छात्रों ने किया विरोध
  • कांग्रेस विधायक बोले- सस्ती पब्लिसिटी के लिए आचार्य ये सब कर रहे

Rajasthan hijab row: राजस्थान के भाजपा विधायक ने सरकारी स्कूलों में हिजाब पहनने पर आपत्ति जताई है. विधायक की ओर से आपत्ति जताने की जानकारी के बाद राजस्थान के मंत्री ने कहा कि वे मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से इस संबंध में चर्चा करेंगे. जानकारी के मुताबिक, राजस्थान के हवा महल विधानसभा सीट से भाजपा विधायक बालमुकुंद आचार्य ने सोमवार सुबह राजधानी जयपुर के गंगापोल इलाके में सरकारी स्कूल का दौरा किया था. इस दौरान उन्होंने कुछ छात्राओं को हिजाब पहने देखा, जिसके बाद उन्होंने इस पर आपत्ति जताई. 

जानकारी के मुताबिक, मामला गंगापोल इलाके के राजकीय बालिका माध्यमिक विद्यालय का है. पूरे मामले का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. वायरल वीडियो में विधायक बालमुकुंद आचार्य को हिजाब के खिलाफ आपत्ति जताते हुए देखा और सुना जा सकता है. इस दौरान वे स्कूल अधिकारियों से छात्रों को स्कूल में हिजाब पहनने से रोकने के लिए कहते दिख रहे हैं. उधर, मामले की जानकारी के बाद कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि वे राज्य में सरकारी और निजी स्कूलों में हिजाब पर प्रतिबंध लगाने के लिए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से बात करेंगे.

सोशल मीडिया पर वायरल एक अन्य वीडियो में विधायक को 'भारत माता की जय' और 'सरस्वती माता की जय' का नारा लगवाते हुए देखा जा सकता है. उन्हें वीडियो में ये कहते हुए भी सुना जा सकता है कि कुछ बच्चे जयकारा नहीं लगा रहे हैं, क्या बात है, किसी ने मना किया है क्या? एक अन्य वीडियो में, विधायक बालमुकुंद आचार्य को प्रिंसिपल और अन्य लोगों से सवाल पूछते हुए देखा जा सकता है. वे पूछते हैं कि क्या सरकारी स्कूलों में दो अलग-अलग ड्रेसों का प्रावधान है?

विधायक की आपत्ति के बाद मुस्लिम छात्रों ने किया विरोध

वहीं, विधायक की आपत्ति की जानकारी के बाद कुछ मुस्लिम छात्रों ने सुभाष चौक पुलिस स्टेशन का घेराव किया और मांग की कि विधायक स्कूलों में माहौल खराब करना बंद करें और अपने कार्यों के लिए माफी मांगें. एक प्रदर्शनकारी छात्र ने कहा कि वे (विधायक) भगवा वस्त्र पहनकर विधानसभा जाते हैं, तो हिजाब के प्रति यह भेदभाव क्यों? बाद में घटना को लेकर मुस्लिम और हिंदू छात्रों ने पुलिस को अलग-अलग शिकायतें सौंपीं.

इस मामले में पुलिस उपायुक्त (जयपुर उत्तर) राशि डोगरा ने कहा कि शिकायतें जिला कलेक्टर को भेज दी गई हैं. उन्होंने कहा कि दोनों समूह आरोप लगा रहे हैं कि उन्हें स्कूल में अपनी धार्मिक प्रथाओं का पालन करने की अनुमति नहीं दी जा रही है. 

विरोध को लेकर विधायक बालमुकुंद आचार्य ने दी प्रतिक्रिया

हिजाब पर आपत्ति जताने वाले विधायक ने विरोध की खबरों पर अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि ये विरोध कुछ लोगों द्वारा किया गया है जो राजनीति कर रहे हैं. मैंने लड़कियों से बात की और उनके साथ अच्छी बातचीत हुई. हमने पीएम मोदी की योजनाओं और उनकी पढ़ाई के बारे में बात की. सच्चाई ये है कि वहां गणतंत्र दिवस, बसंत उत्सव, वार्षिक समारोह या स्वतंत्रता दिवस जैसे मौकों पर ड्रेस कोड का चलन नहीं है. छात्राएं बुर्का और हिजाब में क्यों आ रही हैं? ये क्या नया नियम-कानून है? इसके लिए अलग मदरसा है. मैंने स्कूल प्रशासन से सिर्फ इतना अनुरोध किया है कि वे छात्रों से बात करें और उन्हें समझाएं. मैं सीएम से आग्रह करूंगा कि सभी स्कूलों में एक ड्रेस कोड लागू किया जाए. 

मंत्री बोले- इसलिए प्रगति नहीं कर पाया समुदाय

मामले को लेकर राजस्थान के मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि कट्टरता के कारण और कांग्रेस की तुष्टीकरण की राजनीति के कारण मुस्लिम समुदाय प्रगति नहीं कर पाया है. उनके पास शिक्षा का अभाव है, इसलिए शिक्षा का प्रचार-प्रसार होना चाहिए और मुस्लिम समुदाय को प्रगतिशील सोच रखनी चाहिए. उन्होंने कहा कि उनकी सोच अपराध की ओर ज्यादा है. स्कूलों में ड्रेस कोड का पालन किया जाना चाहिए.

मंत्री ने कहा कि अगर कोई लड़की हिजाब पहनकर स्कूल जाएगी, तो स्कूल में अनुशासन नहीं रहेगा और छात्र किसी भी ड्रेस में स्कूल जाएंगे. ड्रेस कोड का पालन करना होगा. कई देशों में हिजाब पर प्रतिबंध है, इसलिए इसे किसी भी परिस्थिति में स्कूलों में अनुमति नहीं दी जा सकती है. उन्होंने कहा कि वे इस बारे में सीएम से बात करेंगे क्योंकि हमारे विधायक ने ये मुद्दा उठाया है.

उन्होंने ये भी कहा कि हिजाब गलत है. पुलिस में, स्कूलों में एक ड्रेस कोड है, नहीं तो एक स्टेशन हाउस ऑफिसर कुर्ता पायजामा, धोती कुर्ता, सूट बूट पहनेगा. उन्होंने कहा कि हिजाब पर न केवल सरकारी स्कूलों में, बल्कि निजी स्कूलों में भी प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए.

जयपुर के आदर्श नगर विधायक ने भी दी प्रतिक्रिया

इस विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए जयपुर के आदर्श नगर से कांग्रेस विधायक रफीक खान ने कहा कि आचार्य सस्ती पब्लिसिटी और सुर्खियों में बने रहने के लिए ये सब कर रहे हैं. उन्हें समझना चाहिए कि वे किसी एक राजनीतिक दल के विधायक नहीं, बल्कि सभी जातियों, धर्म के विधायक हैं.

खान ने कहा कि राजस्थान गंगा जमुनी तहजीब (सांप्रदायिक सद्भाव) के लिए जाना जाता है और ऐसी चीजें यहां काम नहीं करेंगी और बर्दाश्त नहीं की जाएंगी. बता दें कि दिसंबर 2021 में कर्नाटक में भी शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब को लेकर विवाद खड़ा हो गया था, जब उडुपी जिले में छह कॉलेज छात्रों को हिजाब के कारण प्रवेश से वंचित कर दिया गया था. तत्कालीन भाजपा सरकार ने एक सर्कुलर भी जारी किया था कि प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेजों को ड्रेस कोड का पालन करना होगा.

इस मामले के खिलाफ कर्नाटक के छह छात्रों ने कर्नाटक हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, जिसने राज्य सरकार के आदेश को बरकरार रखा था. मामले को अब सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जा रही है. पिछले साल दिसंबर में कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा था कि उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि हिजाब पहनने पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा.