राजस्थान में महिलाओं के खिलाफ अपराध कम! लेकिन चौंका रहा रेप और पोक्सो का आंकड़ा
Rajasthan Crime Latest Data: राजस्थान के ताजा आंकड़ों से पता चलता है कि महिलाओं के खिलाफ अपराध कम हुए हैं लेकिन बलात्कार और पोक्सो के मामले बढ़े हैं. विपक्ष की ओर से सत्तारूढ़ सरकार पर निशाना साधने के बीच भाजपा ने प्रमुख अपराधों में कमी का संकेत दिया. वहीं, अपराध के आंकड़ों का हवाला देते हुए कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने भाजपा सरकार पर निशाना साधा.
Rajasthan Crime Latest Data: राजस्थान के ताजा सरकारी आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले साल इसी समय की तुलना में इस साल अब तक अपराध में मामूली वृद्धि हुई है. इससे ये भी पता चलता है कि राजस्थान में महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों की कुल संख्या में कमी आई है, लेकिन नाबालिगों समेत रेप और गैंगरेप जैसे अपराधों में वृद्धि हुई है. साथ ही अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों के खिलाफ अपराधों में कमी आई है.
इस साल जनवरी से जून तक की अवधि के लिए राज्य सरकार के आंकड़ों के अनुसार, भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), विशेष और स्थानीय कानूनों (एसएलएल) के तहत कुल 1 लाख, 65 हजार 875 मामले दर्ज किए गए. ये 2023 में इसी अवधि के दौरान आईपीसी और एसएलएल के तहत दर्ज 1 लाख 65 हजार 748 मामलों की तुलना में 0.08 प्रतिशत की वृद्धि है. नए आपराधिक कानूनों के लागू होने के कारण जुलाई का डेटा अभी उपलब्ध नहीं है.
दहेज हत्या के अपराधों में भी आई कमी
महिलाओं के खिलाफ अपराधों में कुल 1.52 प्रतिशत की कमी आई है. इस साल जून तक दर्ज किए गए ऐसे कुल मामलों की संख्या 20 हजार 767 थी, जबकि 2023 में इसी अवधि तक ये संख्या 21 हजार 087 थी. इसके अलावा दहेज हत्या और बलात्कार-हत्या के मामलों में भी कमी आई है. साथ ही, महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के मामलों में 12 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है.
हालांकि, महिलाओं के अपहरण में 10.28 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. महिलाओं और नाबालिग लड़कियों के साथ बलात्कार में 8.03 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. 2024 में जून तक बलात्कार के 2 हजार 758 मामले और नाबालिगों के बलात्कार के 794 मामले दर्ज किए गए हैं. इसके अलावा, आंकड़ों के अनुसार महिलाओं के खिलाफ अपराधों के आधे से अधिक मामलों (51.79 प्रतिशत) में अभी भी जांच लंबित है.
इस साल जून तक महिलाओं के साथ बलात्कार और हत्या के 11 मामले
इस साल वयस्क महिलाओं के साथ बलात्कार और हत्या के 11 मामले दर्ज किए गए हैं, जबकि 2023 में इसी अवधि में 19 मामले दर्ज किए गए थे. हालांकि, वयस्क महिलाओं के साथ सामूहिक बलात्कार के मामले पिछले साल के 445 से 7.19 प्रतिशत बढ़कर इस साल 477 हो गए. कुल मिलाकर, इन मामलों में जांच लंबित रहने का प्रतिशत 48.32 प्रतिशत है.
यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (POCSO) अधिनियम के तहत, 2023 की तुलना में इस वर्ष कुल मिलाकर 8.56 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. नाबालिगों के साथ गैंगरेप के मामले 2023 में 187 मामलों से 10.16 प्रतिशत बढ़कर 2024 में 206 हो गए. यहां लंबित मामलों का प्रतिशत 44.25 प्रतिशत है.
अनुसूचित जातियों के खिलाफ अत्याचार के मामलों में आई कमी
इसके अलावा, अनुसूचित जातियों के खिलाफ अत्याचार से संबंधित मामलों में पिछले साल की तुलना में इस साल 10.09 प्रतिशत की कमी आई है. अनुसूचित जनजातियों के खिलाफ अत्याचार के मामलों में 4.97 प्रतिशत की कमी आई है.
पिछले साल की तुलना में आईपीसी के तहत कुल मामलों की संख्या में 0.53 प्रतिशत की मामूली कमी देखी गई है. डकैती, हत्या और हत्या के प्रयास के मामलों में कमी आई है, जबकि अपहरण, चोरी और सेंधमारी के मामलों में वृद्धि हुई है.
एसएलएल के अंतर्गत 2023 की तुलना में 1.65 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) एक्ट और आबकारी अधिनियम के अंतर्गत मामलों में वृद्धि हुई है, लेकिन सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के अंतर्गत मामलों में कमी आई है.
आंकड़ो का हवाला देते हुए भाजपा पर बरसे राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष
अपराध के आंकड़ों का हवाला देते हुए कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने भाजपा सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि भाजपा ने भ्रष्टाचार और पेपर लीक के साथ-साथ कानून और व्यवस्था को भी (पिछले साल के विधानसभा चुनावों में) एक बड़ा चुनावी मुद्दा बनाया था. हर दिन हत्याएं, बलात्कार, नाबालिगों के साथ बलात्कार और महिलाओं के खिलाफ अत्याचार हो रहे हैं. अपराध हर दिन बढ़ रहे हैं, लेकिन उन्हें नियंत्रित करना उनकी प्राथमिकता नहीं है.
उन्होंने आरोप लगाया कि इस मुद्दे पर चुनाव लड़कर भाजपा राज्य में सत्ता में आई, लेकिन हमारी बार-बार मांग के बावजूद, उन्होंने आठ महीनों में विधानसभा में इस पर एक भी चर्चा नहीं की, क्योंकि आंकड़े बहुत अधिक थे. डोटासरा ने कहा कि ऐसा पहली बार हुआ है कि राज्य विधानसभा में कानून-व्यवस्था पर कोई चर्चा नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि उनके (भाजपा) पास इसका कोई जवाब नहीं है. वे सरकार नहीं चला रहे हैं, बल्कि नौटंकी कर रहे हैं.
राजस्थान का गृह विभाग मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा के पास है, जबकि गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेदम हैं. हालांकि इस मामले पर टिप्पणी के लिए राज्य मंत्री से संपर्क नहीं हो सका, लेकिन भाजपा प्रवक्ता लक्ष्मीकांत भारद्वाज ने कहा कि हत्या, हत्या का प्रयास, जबरन वसूली, गोलीबारी जैसे बड़े अपराधों में कमी आई है.
जब हमारी सरकार आई थी, तब हर अपराध में नंबर वन था राजस्थान: भाजपा
लक्ष्मीकांत भारद्वाज ने कहा कि जब राज्य में भाजपा की सरकार आई थी, तब राजस्थान सभी तरह के अपराधों में नंबर वन था. यहां संगठित अपराध था, धीरे-धीरे यह सब खत्म हो गया है. जल्द ही हमें सुखद परिणाम मिलेंगे. सरकार दृढ़ इच्छाशक्ति के साथ काम कर रही है. उन्होंने ये भी कहा कि कांग्रेस के शासन में पिछले पांच सालों में अपराधियों को खुली छूट मिली हुई थी और उन्होंने दावा किया कि यही वजह है कि स्थिति को नियंत्रण में लाने में समय लग रहा है. उन्होंने कहा कि अन्य अपराधों पर नियंत्रण पा लिया गया है, इन (महिलाओं के खिलाफ अपराधों) पर भी नियंत्रण पा लिया जाएगा.