Rajasthan Crime News: दौसा जिले के एक गांव में पिछले एक हफ्ते से तनाव का माहौल है. गांव में लगभग हर घर के दरवाजे बंद हैं. कुछ पर ताला लटका है, तो कुछ अंदर से लॉक है. पुरुष भी गांव के किसी चौक-चौराहे या गली में नहीं दिख रहे हैं. मामला 6 महीने की प्रेग्नेंट महिला से रेप के बाद उसकी हत्या से जुड़ा है. वारदात के बाद से ही गांव में तनाव दिख रहा है. इस बीच गांव के कुछ लोगों ने आरोपियों में शामिल एक शख्स के तीन घरों में आग लगा दी. कहा जा रहा है कि तनाव के बीच कुछ लोगों ने डर के कारण गांव छोड़ दिया है. फिलहाल, पुलिस गांव में कैंप कर रही है और पूरे स्थिति पर नजर रख रही है.
गांव से पुरुषों के पलायन की खबर के बीच राजस्थान के मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने पलायन कर चुके पुरुषों से लौटने की अपील की है और आश्वासन दिया है कि पुलिस किसी भी निर्दोष को गिरफ्तार नहीं करेगी. गांव के लोगों के मुताबिक, गांव के लगभग 20 प्रतिशत लोग 3 मई को घर छोड़कर चले गए. इसके एक दिन बाद यानी 4 मई को भीड़ ने एक आरोपी के तीन घरों को आग के हवाले कर दिया.
पुलिस के मुताबिक, 29 अप्रैल को 26 साल की प्रेग्नेंट महिला की लाश मिली थी. पुलिस ने मामले में एक आरोपी जगराम मीना को गिरफ्तार भी किया है. उधर, वारदात के बाद गांव में तनाव के कारण कुछ लोग घर छोड़कर पलायन कर गए. ऐसा करने वालों का मानना था कि उन्हें इस केस में गिरफ्तार किया जा सकता है. गांव से बड़ी संख्या में लोगों के पलायन की खबर के बाद दौसा जिले से आने वाले राजस्थान के मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने कहा है कि किसी को डरने की कोई जरूरत नहीं है. किसी निर्दोष को गिरफ्तार नहीं किया जाएगा. कहा जा रहा है कि मंत्री के आश्वासन के बाद कुछ लोग वापस लौट भी गए हैं.
मीना ने कहा कि पुलिस अधिकारियों के उत्पीड़न के कारण बहुत से लोगों ने गांव छोड़ दिया... दोषी को दंडित किया जाना चाहिए, लेकिन निर्दोष लोगों को परेशान नहीं किया जाएगा, इसलिए जो लोग चले गए हैं उन्हें वापस आना चाहिए. 29 अप्रैल को जिस महिला का शव मिला था, उसके पति ने एक दिन पहले यानी 28 अप्रैल को गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. महिला के पति ने रिपोर्ट में लिखवाया था कि उसकी पत्नी खेत में चारा लेने गई थी, लेकिन तब से उसका कुछ पता नहीं चल रहा है.
गांव के कुछ लोगों के मुताबिक, मामले में आरोपी जगराम को पहले ही गिरफ्तार कर लिया गया था. गिरफ्तारी के बाद 2 मई को उसके घर के सामने भीड़ जमा हो गई. उस समय तक आरोपी के परिवार के अन्य सदस्य गांव छोड़कर फरार हो गए थे. उधर, घर के सामने मौजूद भीड़ ने आरोपी के घर और आसपास के भी दो घरों को आग के हवाले कर दिया था. बाद में जिन दो घरों में आग लगाया गया था, उसे आरोपी के रिश्तेदारों का बताया गया.
दौसा के ASP दिनेश अग्रवाल ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया था, लेकिन ग्राम पंचायत ने मामले को अपने हाथों में ले लिया और घरों को जला दिया... भीड़ में लगभग 7 लोग जल गए और वर्तमान में अस्पताल में भर्ती हैं. उन्होंने ये भी कहा कि आगजनी के सिलसिले में चार लोगों को हिरासत में लिया गया है.
उधर, आरोपी जगराम के परिवार के एक सदस्य ने कहा कि भीड़ को आता देख वे बमुश्किल भागने में सफल रहे. हमने ये घर 4 साल पहले बनाया था और ग्रामीणों ने इसे जला दिया. गांव के सरपंच कमल कांत मीना ने कहा कि हम इस बात से सहमत हैं कि भीड़ को सीमा नहीं लांघनी चाहिए थी, लेकिन जो लोग निर्दोष हैं (आगजनी की घटना में) उन्हें बख्शा जाना चाहिए.