Rajasthan Borewell Rescue: राजस्थान के कोटपुतली-बहरोड़ जिले में बोरवेल में गिरी तीन साल की बच्ची चेतना को बचाने का अभियान पांचवें दिन भी जारी है. भारी बारिश के कारण यह बचाव कार्य पर असर पड़ा है. सोमवार को खेत में खेलते समय चेतना 700 फीट गहरे बोरवेल में गिर गई थी. वह करीब 150 फीट की गहराई पर फंसी हुई है और पांच दिन से बिना खाना- पानी के है.
बचाव दल ने बोरवेल के समानांतर 170 फीट लंबी सुरंग खोदी है और बच्ची तक पहुंचने के लिए L-आकार की पाइप लगाई गई है. लेकिन लगातार हो रही बारिश के कारण टीम को सुरंग में उतरने में कठिनाई हो रही है. इस स्थिति को कंट्रोल करने के लिए बोरवेल के चारों ओर वाटरप्रूफ टेंट लगाए गए हैं और इसे सुरक्षित तरीके से ढक दिया गया है, ताकि बारिश का पानी अंदर न जा सके.
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी वैभव शर्मा ने कहा, 'प्रशासन चेतना को बचाने के लिए पूरी तरह से लगा हुआ है, लेकिन लगातार हो रही बारिश से ऑपरेशन में बाधा आ रही है. जैसे ही बारिश थमेगी, एक्सपर्ट टीम, जिन्हें 'चूहा खनिक' कहा जाता है, सुरंग में उतरकर बच्ची को सुरक्षित बाहर निकालने की कोशिश करेगी.'
बचाव कार्य के दौरान कई तकनीकी और प्राकृतिक बाधाओं का सामना करना पड़ा है. शुरुआत में रस्सी से जुड़ी लोहे की अंगूठी का इस्तेमाल करके बच्ची को बाहर निकालने की कोशिश की गई थी. इसके बाद, एक पाइलिंग मशीन से बोरवेल के समानांतर सुरंग खोदी गई. बुधवार को ऑपरेशन को तेज करने के लिए 50 टन की मशीन की जगह 100 टन क्षमता वाली क्रेन का इस्तेमाल किया गया था.
बचाव स्थल पर एक मेडिकल टीम और एम्बुलेंस तैनात है. चेतना को बाहर निकालने के बाद उसे कोटपुतली अस्पताल ले जाया जाएगा.
चेतना के माता-पिता ने बचाव अभियान में देरी और प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है. बच्ची की मां, जो सोमवार से बिना खाने के रह रही हैं, बीमार पड़ गई हैं और उन्हें डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया है.
उत्तराखंड की सुरंग में फंसे श्रमिकों को बचाने वाले एक्सपर्ट, जिन्हें 'चूहा खनिक' कहा जाता है, बारिश कम होने के बाद सुरंग में उतरेंगे. एक्सपर्ट की यह टीम बोरवेल में फंसी चेतना को सुरक्षित बाहर निकालने में मदद करेगी.