Rajasthan Assembly Election 2023: राजस्थान (Rajasthan) में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी ने कांग्रेस की घेराबंदी शुरू कर दी है. बीजेपी राजस्थान में पूरी तरह से एक्टिव नजर आ रही है. इसी क्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने सोमवार को जयपुर में परिवर्तन संकल्प जनसभा को संबोधित किया था. इस विशाल जनसभा में प्रदेश तमाम बड़े नेताओं की मौजूदगी रही थी. सियासी तस्वीर के मायनों के लिहाज से कुछ संदेश इस सभा में देखने को मिले. कार्यक्रम के दौरान महिलाओं को आगे रखा गया और मंच संचालन का जिम्मा राजसमंद से सांसद दीया कुमारी को दिया गया, जिसकी चर्चा भी इस दौरान खूब रही. चर्चा के साथ-साथ अटकलें भी लगनी शुरू हो गई हैं कि बीजेपी वसुंधरा राजे की काट के तैर पर दीया को आगे कर रही है.
इससे पहले हम आपको ये बताएं कि दीया कुमारी कौन हैं उससे पहले यहां ये जान लीजिए कि राजस्थान में निकाली गई परिवर्तन संकल्प यात्रा ने कुल 8982 किलोमीटर का सफर तय किया. बेणेश्वर से शुरू हुई यात्रा के शुरुआती चरण में जनता का कम रुझान देखने को मिला लेकिन चित्तौड़ में दीया कुमारी के नेतृत्व में यात्रा को विस्तार मिला साथ ही राजसमंद में भव्य स्वागत भी हुआ. इसके बाद पीएम की मौजूदगी में मंच संचालन की जिम्मेदारी और बीते दिनों राजधानी में एक प्रदर्शन के दौरान नेतृत्व करने का मौका. ऐसे में जिस तरह के सियासी समीकरण बन रहे हैं उसे देखते हुए ये कहा जा सकता है कि दीया कुमारी राजस्थान में बीजेपी की तरफ से प्रमुख चेहरा हो सकती हैं.
तो चलिए अब आपको बताते हैं कि दीया कुमारी हैं कौन. दीया कुमारी का जन्म साल 1971 में भारतीय सेना के अधिकारी और होटल व्यवसायी भवानी सिंह और पद्मिनी देवी के घर हुआ था. दीया कुमारी जयपुर के राजपरिवार से हैं. वो महाराजा भवानी सिंह की इकलौती बेटी हैं. कुमारी ने मॉडर्न स्कूल (नई दिल्ली), जीडी सोमानी मेमोरियल स्कूल, मुंबई और महारानी गायत्री देवी गर्ल्स पब्लिक स्कूल, जयपुर में पढ़ाई की है. इसके बाद उन्होंने लंदन में डेकोरेटिव आर्ट्स का कोर्स किया. दीया अपनी सुंदरता और सूझ-बूझ के लिए भी जानी जाती हैं. फिलहाल वो राजनीति में सक्रिय हैं.
दीया कुमारी का राजनीतिक सफर बेहद शानदार रहा है. साल 2013 में वो भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुई थीं. उन्होंने 2013 के राजस्थान विधानसभा चुनाव में सवाई माधोपुर से बीजेपी उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा और विधायक बनीं. इसके बाद वो 2019 में राजसमंद से लोकसभा के लिए संसद सदस्य के रूप में चुनी गईं. सांसद के अलावा वो अपना खुद का फाउंडेशन भी चलाती हैं. इसके साथ ही वो दो स्कूल और 3 होटल भी चलाती हैं.
ऐसा माना जाता है कि राजकुमारियां केवल राजकुमारों से ही शादी करती हैं, लेकिन इस कहावत को दीया कुमारी ने गलत साबित किया है. उन्होनें किसी राजा के बजाय अपने पिता के पास काम करने वाले मामूली वर्कर नरेंद्र सिंह से शादी की थी. ये शादी उस समय विवादों में भी रही. भवानी सिंह ने इस शादी को स्वीकार नहीं किया था, हलांकि कुछ समय बाद भवानी सिंह मान गए थे. ये शादी लंबे समय तक चल नहीं पाईं और साल 2018 में दोनों ने तलाक ले लिया था.
दीया कुमारी को कॉन्ट्रोवर्सी में भी रहती हैं. बात करीब 2 से 3 साल पुरानी. दीया कुमारी ने दावा किया था कि उनका परिवार भगवान राम का वंशज है. उन्होनें कहा था कि उनके पिता कुश के 309वें वंशज थे. यही नहीं वो सुप्रीम कोर्ट में अपने परिवार के वंश का सबूत देने को भी तैयार थीं. फोर्ब्स, विकिपीडिया और कई अन्य ऑनलाइन स्रोतों के अनुसार दीया कुमारी की नेट वर्थ 92 मिलियन डॉलर है. कहा जाता है कि उनकी इनकम का सोर्स उनकी प्रॉपर्टी और एक राजनेता के रूप में उनका करियर है.
ताज महल के लेकर किए गए दावे से राजकुमारी दीया कुमारी ने सनसनी मचा दी थी. राजकुमारी दीया कुमारी ने कहा था कि ताजमहल जयपुर के पूर्व राजपरिवार का एक महल था, जिसपर शहाजहां ने कब्जा कर लिया था. दीया कुमारी ने ये भी कहा था कि उस वक्त मुगलों की ही सरकार थी इसलिए राजपरिवार ज्यादा विरोध नहीं कर सका. राजकुमारी ने आगे यहां तक कहा था कि कागजात उनके पास अब भी मौजूद हैं.
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